ओडिशा ओलंपिक संघ के ऑफिस में सीबीआइ छापा
सीबीआइ छापामारी के चलते बारबाटी परिसर में स्थित ओडिशा ओलंपिक संघ के दफ्तर में हड़कंप मच गया।
कटक, जागरण संवाददाता। ओडिशा ओलंपिक संघ के जमीन विवाद में शुक्रवार को सीबीआइ ने कटक, भुवनेश्वर समेत पांच जगहों पर छापामारी की। सीबीआइ की आठ सदस्यीय टीम कटक पहुंची और पहले ओडिशा ओलंपिक संघ कार्यालय एवं उसके बाद कटक तुलसीपुर डियरपार्क के पास मौजूद ओडिशा ओलंपिक संघ के पूर्व सचिव आशीर्वाद बेहेरा के घर पर छापामारी की। इसके साथ ही सीबीआइ की टीम बेहेरा के पुराने मकान एवं बारबाटी परिसर में मौजूद इनकन एसोसिएट के दफ्तर में छापामारी की। यह संस्थान आशीर्वाद बेहेरा के बेटे व दामाद संयुक्त रूप से चला रहे हैं।
छापामारी के दौरान सीबीआइ की टीम ने आवश्यक कागजातों को खंगालने के साथ संघ के पूर्व सचिव आशीर्वाद बेहेरा एवं अन्य कई लोगों से पूछताछ भी की। सीबीआइ ने भुवनेश्वर में मौजूद बेहेरा के दामाद के घर पर भी छापामारी की है। सीबीआइ छापामारी के चलते बारबाटी परिसर में स्थित ओडिशा ओलंपिक संघ के दफ्तर में हड़कंप मच गया। 1949-50 में राज्य सरकार ने महज एक रुपये के करार पर 20 एकड़ जमीन बारबाटी स्टेडियम निर्माण के लिए ओडिशा ओलंपिक संघ को दिया था।
स्टेडियम से सटे दो एकड़ जमीन को पार्र्किंग के लिए भी मुहैया किया गया था। लेकिन वर्ष 1995-96 में आशीर्वाद बेहेरा राज्य ओलंपिक संघ के सचिव रहते हुए दो एकड़ खाली पार्र्किंग इलाके में 23 दुकान घर बनवाए और उसे व्यवसाय के तौर पर प्रयोग किया। वर्ष 1996-97 में बारबाटी पैलेस का निर्माण किया गया। इसके निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उन्होंने अपने बेटे एवं दामाद की संस्था इनकन एसोसिएट को दी थी। इसे लेकर विवाद हुआ था और वर्ष 2000 में गैरकानूनी तौर पर अतिक्रमण की गई इस जमीन को आशीर्वाद के चंगुल से छुड़ाने के लिए राज्य सरकार ने एक मामला कटक के एडिसनल सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किया।
मामले की सुनवाई कर निचली अदालत ने वर्ष 2002 में निर्णय ओडिशा ओलंपिक संघ के पक्ष में दिया। इसको चुनौती देकर राज्य सरकार ने ओडिशा हाईकोर्ट में एक मामला दायर किया और मामले की सुनवाई के बाद वर्ष 2014 में हाईकोर्ट ने राय राज्य सरकार केपक्ष में देने के साथ दो एकड़ जमीन में बने इस दुकान घर एवं बारबाटी पैलेस को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया।
कटक जिलाधीश की अगुवाई में यह संपत्ति प्रशासन अपने कब्जे में ले लिया। ओडिशा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देकर ओडि़शा ओलंपिक संघ वर्ष 2014 में सुप्रीमकोर्ट पहुंचा। मामले की सुनवाई कर सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट की राय पर रोक लगा दी लेकिन बाद में घटना की जांच के लिए एकाउंटेट जनरल (एजी) ओडिशा को निर्देश दिया।
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