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हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब-तलब

बहुचर्चित उलीबुरू खान घोटाले के आरोपितों के खिलाफ अदालत से गैर जमानती गिरफ्तारी फरवाना जारी करने के बावजूद आरोपितो को छह साल से गिरफ्तार नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 02:00 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 02:00 PM (IST)
हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब-तलब
हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब-तलब

जासं, कटक : बहुचर्चित उलीबुरू खान घोटाले के आरोपितों के खिलाफ अदालत से गैर जमानती गिरफ्तारी फरवाना जारी करने के बावजूद आरोपितो को छह साल से गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसे आरोप को लेकर हाईकोर्ट में दायर मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब-तलब किया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विश्वजीत मोहंती को लेकर गठित खंडपीठ ने इस संबंध में तमाम तथ्य अदालत में रखने के लिए सरकार को निर्देश दिया है। धनंजय कुमार डगरा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई कर हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है। आगामी मार्च 18 तारीख को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।

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25 लोगों के खिलाफ विजिलेंस कोर्ट में दर्ज है मामला

बहुचर्चित उलीबुरू खान घोटाला मामले में विजिलेंस के डीएसपी बर्ष 2013 जुलाई सात तारीख को इतला दर्ज किए थे। मामले में प्रमुख आरोपित दीपक गुप्ता को 2013 सितंबर 5 तारीख को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। बर्ष 2013 दिसंबर 31 तारीख को हजारों करोड़ रुपये की उलीबुरू खान घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निवारण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दीपक गुप्ता और उनके परिवार के 4 सदस्यों, यहां तक के (मूल) पहले की लीजधारी बीके मोहंती समेत 25 लोगों के खिलाफ विजिलेंस की ओर से केंदुझर के स्वतंत्र विजिलेंस की अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। वर्ष 2014 जून 24 तारीख को विजिलेंस ने इस मामले में फाइनल चार्जशीट दाखिल किया था। इस मामले में कुछ आरोपितों को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था जबकि अन्य आरोपी फरार हो गए थे।

2015 में कई के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

वर्ष 2015 जुलाई 8 तारीख को केंदुझर स्वतंत्र विजिलेंस अदालत उलीबुरू खान घोटाला मामले के आरोपी हरचरण गुप्ता, कांतादेवी गुप्ता, नीतू गुप्ता, चंपक गुप्ता, राउतराय मुर्मू और जगदीश मिश्र खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। बाद में इस गैर जमानती गिरफ्तार परवाना को कार्य में नहीं लाया गया था। यहां तक कि अदालत को भी इस संबंध में कुछ भी अवगत नहीं किया गया था। यह बात याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में दर्शाई है। वर्ष 2015 के गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पर कार्रवाई न कर आरोपितों को अदालत में हाजिर नहीं किए जाने को लेकर उलिबुरू मामले की सुनवाई में सिर्फ समय बीतता जा रहा है। इस मुद्दे में तुरंत ठोस कदम उठाए जाने के लिए विजिलेंस एसपी को निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद भी उलीबुरू खान घोटाला मामले में फरार आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। इस मामले में राज्य गृह विभाग और विजिलेंस विभाग को पक्ष बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील वंशीधर बाग, राकेश कुमार षाडंगी मामले का संचालन कर रहे हैं।


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