ओडिशा सरकार ने क्यों बदला बिलुंग गांव का नाम, जानें क्या है वजह
ओडिशा सरकार ने बिलुंग गांव का नाम बदलकर ‘रंगबती बिलुंग’ रख दिया है दरअसल गीतकार मित्रभानु गौंतिया का जन्म इसी गांव में हुआ था।
भुवनेश्वर, एएनआइ। ओडिशा सरकार ने जिला संबलपुर के बिलुंग गांव का नाम बदलकर ‘रंगबती बिलुंग’ रख दिया है। दरअसल लोकप्रिय गीत रंगबती के गीतकार मित्रभानु गौंतिया का जन्म इसी गांव में हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के बाद जिले के बिलुंग गांव का नाम रंगबती बिलुंग कर दिया है। इससे पहले, जिलाधिकारी, राजस्व संभागीय आयुक्त, राजस्व बोर्ड और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इसकी सिफारिश की थी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव बी पी सेठी ने बताया कि, 'ओडिशा की कला संस्कृति के इतिहास में यह एक दुर्लभ क्षण है।' बता दें कि रंगबती गीत को पहली बार आकाशवाणी के माध्यम से सुना गया था, ये गीत संबलपुर में 1975-76 में रिकार्ड किया गया था। इस गीत की अत्याधिक लोकप्रियता को देखते हुए, 1976 में इंडियन रिकॉर्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (INRECO) ने भी डिस्क प्रारूप में इस गीत को रिकॉर्ड किया, इस डिस्क को 1978-79 में रिलीज़ किया गया था। इस गीत के गीतकार का जन्म मित्रभानु गौंतिया का जन्म 1942 में बिलुंग गांव में हुआ था, उन्होंने लगभग 1,000 संबलपुरी गीतों का रचा था। 2020 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। रंगबती को भारत की कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में फिर से गढ़े जाने का अनूठा गौरव प्राप्त है। यह गीत पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में बहुत लोकप्रिय है।
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