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धूमधाम से मना बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा

राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा धूमधाम के साथ मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 06:27 PM (IST)
धूमधाम से मना बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा
धूमधाम से मना बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा

जेएनएन, भुवनेश्वर/कटक : राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा धूमधाम के साथ मनाया गया। शुक्रवार को विजय दशमी के मौके पर पराक्रमी रावण का पुतला जलाकर लोगों ने हर्षोल्लास के साथ विजयदशमी पर्व मनाया।

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राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने पहली बार ओडिशा की सांस्कृतिक नगरी एवं दुर्गा पूजा के लिए प्रसिद्ध शहर, कटक के विभिन्न पूजा पंडालों में पहुंचकर आदिशक्ति के दर्शन किए तथा पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। मौसम अनुकूल होने से इस बार तमाम पूजा पंडालों में लोगों की भीड़ उमड़ी।

खासकर राजधानी के रसूलगढ़, झारपड़ा, शहीद नगर, नयापल्ली आदि क्षेत्र में मौजूद पूजा पंडालों में षष्ठी पूजा से ही मां दुर्गा के दर्शन-पूजन को लोगों का सुबह से शाम तक तांता लगा रहा। विजय दशमी के अवसर पर रावण दहन का दृश्य देखने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। पूजा कमेटियों की ओर से इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया। इस बार पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए राजधानी के कुछ इलाकों में रावण दहन नहीं किया गया। झारपड़ा, बरमुंडा, रसूलगढ़, पांड्रा आदि जगहों पर रावण दहन किया गया तो शहीद नगर में इस साल लेजर लाइट के जरिए रावण का पुतला फूंका गया।

इससे पहले नवमी एवं विजयदशमी के अवसर लोगों ने मेले का आनंद लिया। भुवनेश्वर के तमाम पूजा पंडालों में सुबह से शाम तक भीड़ रही। खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बने पंडालों के सामने भारी भीड़ होने से यातयात नियंत्रित करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बमीखाल, झारपड़ा, स्टेशन बाजार, लक्ष्मी सागर, रसूलगढ़, पलासुनी, नयापल्ली, शहीदनगर आदि जगहों पर लोग घंटों जाम में फंसे रहे। लोगों को एक पंडाल से दूसरे पंडाल पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर लोग रेंगते नजर आए। हालांकि मौसम सुहाना होने से पूजा पंडालों में स्टाल लगाने वाले व्यापारियों की चांदी रही। लगातार दो दिन राजधानी के लोग मानो अपना घर-बार छोड़कर पंडालों में लगे स्टॉलों पर ही आश्रित नजर आए और खान-पान करने के साथ जमकर खरीदारी कर दशहरा पर्व का आनंद लिया।


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