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आध्यात्मिकता ही स्वस्थ समाज के गठन का मूलमंत्र : सखानंद

श्रीगुंडिचा आध्यात्मिक ट्रस्ट, का 7वां आध्यात्मिक पुस्तक मेला स्थानीय

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 04:28 PM (IST)
आध्यात्मिकता ही स्वस्थ समाज के गठन का मूलमंत्र : सखानंद
आध्यात्मिकता ही स्वस्थ समाज के गठन का मूलमंत्र : सखानंद

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : श्रीगुंडिचा आध्यात्मिक ट्रस्ट, का 7वां आध्यात्मिक पुस्तक मेला स्थानीय यूनिट-3 स्थित प्रदर्शनी मैदान में शुरू हुआ। 23 सितंबर तक चलने वाले इस मेले का शुभारंभ यमुनेत्री, हरिद्वार के संत सखानंद दास महाराज ने किया। इस मौके पर संत सखानंद ने कहा कि आध्यात्मिकता ही स्वस्थ समाज के गठन का मूल मंत्र है। भारतीय दर्शनधारा एवं सनातन संस्कृति के प्रति मानवीय जागरूकता फैलाना, इस आध्यात्मिक मेले का मुख्य उद्देश्य है। आध्यात्मिकता के बिना मानव जीवन पशु के समान है। पुस्तक मेला के अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर शर्मा ने उत्सव की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारतीय जन जीवन के संस्कार एवं सामाजिक गतिशीलता अपनी आध्यात्मिकता के चलते ही विश्व वंदनीय है। इसमें शांति, मित्रता, विश्व भाईचारा इसके प्रतीक हैं।

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मुख्य अतिथि डॉ. रवि नारायण सेनापति ने कहा कि पुरातन वैदिक सभ्यता के समय से ही भारतीय संस्कृति की महानता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष भागीरथी बेहरा ने आध्यात्मिक पुस्तक मेले के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। डॉ. रवि नारायण सामंत, ट्रस्ट के सलाहकार अश्विनी कुमार दास, उपाध्यक्ष विनोद कुमार, पंडा, श्रीगुंडिचा आध्यात्मिक पत्रिका के कार्यकारी संपादक मोहन महापात्र आदि ने भी अपने विचार रखे। स्वागत भाषण ट्रस्ट के सचिव लक्ष्मीनारायण पटनायक ने दिया जबकि संयोजक भवानी प्रसाद बलियार¨सह, अध्यापक सर्वेश्वर षाड़ंगी, लक्ष्मी प्रसाद मिश्र प्रमुख ने कार्यक्रम का संचालन किया।


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