Rath Yatra In Puri: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रथ निर्माण की दी अनुमति, यात्रा पर ओडिशा सरकार लेगी फैसला
Rath Yatra In Puri केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रथ निर्माण के लिए अनुमति दी है। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रथयात्रा में किसी प्रकार के धार्मिक एकत्रीकरण नहीं होगा।
शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए पहले एवं सबसे बड़े संशय को आखिरकार केंद्र सरकार ने खत्म करते हुए रथ निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है। इसी के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा को लेकर करोड़ों जगन्नाथ भक्तों के मन में आशा की किरण जागृत होने के साथ खुशी की लहर दौड़ गई है। रथयात्रा 23 जून को है।
जानकारी के मुताबिक, कुछ शर्त के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रथ निर्माण के लिए अनुमति दी है। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रथयात्रा में किसी प्रकार के धार्मिक एकत्रीकरण नहीं होगा। लॉकडाउन को लेकर जारी सभी दिशा निर्देश का पालन करना होगा। हालांकि केंद्र की तरफ से कहा गया है कि रथयात्रा होगी या नहीं उस संदर्भ में राज्य सरकार निर्णय को निर्णय लेना है। उस समय की परिस्थिति को देखकर राज्य सरकार निर्णय लेगी। इस संदर्भ में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव ने जानकारी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रथ निर्माण के लिए श्रीमंदिर संचालन कमेटी की बैठक में सरकार से सिफारिश की गई थी। कमेटी के अध्यक्ष गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने कहा था कि रथ निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है। अक्षय तृतीया के दिन रथ निर्माण नीति विधि के मुताबिक संपन्न हो गई है। हालांकि अब तक रथयात्रा में रथ निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। हम सरकार के नए दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। नए दिशा निर्देश के अनुसार रथ निर्माण का कार्य सबकी सहमति हुई है। पुरी ग्रीन जोन में है ऐसे में रथ निर्माण का कार्य किया जा सकता है।
ग्रीन जोन में श्रम आधारित कार्य के लिए अनुमति है। रथ निर्माण कार्य भी श्रम आधारित है ऐसे में रथ निर्माण का कार्य किया जा सकता है। गजपति महाराज ने यह भी कहा था कि रथ निर्माण कार्य एक निर्माण कार्य है। यह धार्मिक उत्सव नहीं है। पुरी ग्रीन जोन में है तो फिर रथ निर्माण किया जाता सकता है। अब केंद्र सरकार की तरफ से भी रथ निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। हालांकि रथयात्रा होगी या नहीं यह निर्णय ओडिशा सरकार को लेना है।