जानिये कैसे उपयोग के बाद पौधे में बदल जाता है ये पांच रुपये का पेन Bhubaneswar News
भुवनेश्वर के प्रेम पांडे और मो.अहमद रजा ने तैयार किए इको फ्रेंडली पेनलिखना के नाम से मशहूर इन पेन की कीमत भी काफी कम रखी गयी है।
भुवनेश्वर, एएनआइ। भुवनेश्वर के रहने वाले युवक प्रेम पांडे और मो.अहमद रजा ने प्लास्टिक के पेन को चुनौती देने वाले इको फ्रेंडली पेन का निर्माण किया है ये पेन समाचार पत्रों, फलों और फूलों के बीजों से तैयार किए गए हैं। 'लिखना' के नाम से दो तरह के ये पेन बाजार में उपलब्ध हैं। एक पेन के निर्माण में सब्जी, फल और फूल के बीज होते हैं, वहीं दूसरा बिना बीज के बनता है। इनकी कीमत क्रमश: 5 और 7 रुपये रखी गई है।
पेन के निर्माता प्रेम पांडे और अहमद रजा का कहना है कि हमने प्लास्टिक पेन का इको-फ्रेंडली विकल्प बनाने की कोशिश की, क्योंकि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। ये पेन पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त नहीं होते हैं क्योंकि इनमें प्लास्टिक की रिफिल होती है, लेकिन पेन की बॉडी अखबार से बनाई गई है। हमारा अगला लक्ष्य रिफिल से भी प्लास्टिक को हटाने का है।
अहमद रजा ने बताया कि उपयोग के बाद पेन को फेंकने की जगह आप इसे किसी मिट्टी के बर्तन में छोड़ सकते हैं कुछ ही हफ्तों में ये अंकुरित होकर एक पौधे का रूप ले लेगा। हमें न केवल भारत में बल्कि जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया से भी पेन के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।