ट्रेड यूनियन का देशव्यापी आंदोलन आठ जनवरी को
देश गंभीर आíथक मंदी के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रीय उद्योगों का निजीकरण किया जा रहा है।
जासं, भुवनेश्वर : देश गंभीर आíथक मंदी के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रीय उद्योगों का निजीकरण किया जा रहा है या फिर बेच दिया जा रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है। राष्ट्रीय उद्योग एयर इंडिया, बीएसएनएल, कोयला, प्रतिरक्षा आदि क्षेत्र में विदेशी पूंजी का निवेश किया जा रहा है। बैंकों का विलय कर बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। ऐसे में इसके विरोध में आगामी 8 जनवरी को देशभर में संघ की तरफ से आंदोलन करने की जानकारी विधानसभा के सामने पीएमजी मार्ग पर आयोजित केंद्रीय ट्रेड यूनियन के राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में नेताओं ने दी है।
यूनियन की तरफ से कहा गया है कि मोदी सरकार केंद्र में जब से शासन में आयी है उसी दिन से कॉर्पोरेट हाउस, देसी एवं अंतरराष्ट्रीय पूंजीपतियों के सभी प्रकार की सुविधा देने उनके हित के लिए श्रम कानून का संशोधन कर रही है। ठेका व्यवस्था को व्यापक किया जा रहा है। योजना कर्मचारियों को सर्वनिम्न मजदूरी, सरकारी मान्यता नहीं मिल रही है। समान कार्य के लिए समान मजदूरी पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। देश में फांसीवाद वातावरण उत्पन्न हो गया है। लोगों के बोलने की आजादी को कुचला जा रहा है। ऐसे में इसके खिलाफ आगामी 8 जनवरी को देश भर में संघ की तरफ से आंदोलन किया जाएगा। मदन धल, अशोक दास, राजेन्द्र दास, विमान माइती, शंभूनाथ नायक, महेन्द्र परिड़ा के संचालन में आयोजित इस सम्मेलन में किशोर जेना, सौरीबंधु कर, योगेन्द्र त्रिपाठी, विष्णु चरण महांती, जयसेन मेहेर, राधाकांत सेठी, प्रफुल्ल त्रिपाठी, रामकृष्ण पंडा, दुष्मंत दास, रवीन्द्र धल प्रमुख ने अपने अपने विचार रखे।