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रोगी को बचाने के लिए अपना खून भी देता है यह एंबुलेंस चालक

एंबुलेंस चालक ए कृष्णा राव एंबुलेंस चलाते हुए जल्द से जल्द मरीज को चिकित्सा सुविधा मिल सके इसके लिए तो तत्पर रहता ही है साथ ही जरूरत पड़ने पर मरीजों को अपना खून भी देते हैं।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 11:48 AM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 11:48 AM (IST)
रोगी को बचाने के लिए अपना खून भी देता है यह एंबुलेंस चालक
रोगी को बचाने के लिए अपना खून भी देता है यह एंबुलेंस चालक
भुवनेश्वर, जेएनएन। सेवा का ऐसा भाव काफी कम लोगों में देखने को मिलता है। यह एंबुलेंस चालक परोपकार व सेवा भाव की मिसाल है। एंबुलेंस चलाते हुए जल्द से जल्द मरीज को चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए तो तत्पर रहता ही है, जरूरत पड़े तो मरीज की जान बचाने के लिए अपना खून भी देता है।
इतना ही नहीं, अस्पताल में डॉक्टर से बात करना, रोगियों व उनके परिजनों की मदद करना इनकी आदत बन चुकी है। रोगी सेवा में सर्वदा समर्पित एंबुलेंस चालक ए कृष्णा राव का कहना है कि आज की दौड़ भाग भरी जिंदगी में कोई किसी की मदद करना नहीं चाहता है। यदि कोई व्यक्ति बीमार या घायल है और उसे तुरत चिकित्सा की जरूरत है तो लोग पल्ला झाड़ लेते हैं। उसे देखकर अनदेखा करते हुए आगे बढ़ जाते हैं। इस सोच को बदलना होगा क्योंकि कभी भी किसी के साथ इस तरह के हालात हो सकते हैं।
 
मानव सेवा को माधव सेवा के रूप में अपने जीवन का उद्देश्य बना चुके मलकानगिरी जिला के माथिली इलाके के रहने वाले एम कृष्णा राव शहर के 108 एंबुलेंस के ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह परोपकार व सेवा भाव को लेकर स्थानीय इलाके में सदा चर्चा में रहते हैं। रोगियों को खून देने एवं उनके लिए खून आपूर्ति कर अनेक बार जान बचा चुके हैं। मलकानगिरी में रोगियों को अस्पताल में पहुंचाने के बाद उन्हें किसी प्रकार की समस्या होने पर वह मदद करने के लिए आगे आ जाते हैं।
  
इसके लिए उन्हें समाज में कई बार सराहना मिल चुकी है। हाल ही में 108 एंबुलेंस के जरिए एक रोगी को अस्पताल पहुंचाने के लिए ले जा रहे थे कि रास्ते में छत्तीसगढ़ के दो बालकों की दुर्घटना को देखकर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। इतना ही नहीं, इन बालकों के पास से मिले लगभग 50 हजार रुपये भी उन्हें वापस लौटाकर सेवा के साथ-साथ ईमानदारी की भी मिसाल पेश की। 
 
एक मानव का जीवन मेरे कुछ मात्रा के रक्त से अधिक मूल्यवान होता है। मैं जब किसी मरीज को अस्पताल ले जाता हूं तो मरीज को अपने परिवार की तरह मानता हूं। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति यदि रास्ते में असुविधा में है तो उसकी मदद करना हम सबका कर्तव्य होना चाहिए और इसी कर्तव्य का मैं पालन करता हूं।
 
एम कृष्णा राव, चालक, 108 एंबुलेंस

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