ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने की प्रक्रिया शुरु, महंत ने नोटिस लेने से किया इनकार
ओडिशा के श्रीमंदिर के चारों तरफ 50 मीटर के अन्दर रहने वाले मठों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।
भुवनेश्वर/ पुरी, जेएनएन। राज्य सरकार ने श्रीमंदिर की सुरक्षा एवं पुरी शहर को विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए श्रीमंदिर के चारों तरफ 50 मीटर के अन्दर रहने वाले तमाम मठों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के तहत मंगलवार को जहां सैकड़ों साल पुराने लंगुली मठ को तोड़कर मिट्टी में मिला दिया गया तो वहीं बुधवार को 900 साल पुराने ऐतिहासिक एमार मठ को भी तोड़ने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू कर दी है। एमार मठ को तोड़ने के लिए बुधवार को मठ के महंत के पास पुरी जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस भेजा गया, मगर मठ के महंत ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए नोटिस को ग्रहण नहीं किया है। इसके बाद पुरी म्युनिसीपाल्टी की तरफ से मठ की दीवार पर नोटिस को चस्पा कर दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने इस मठ में मौजूद ऐतिहासिक रघुनंदन लाइब्रेरी को स्थानान्तरित करने का काम शुरू कर दिया है। इस पुरानी लाइब्रेरी में मौजूद आलमारी, पुस्तक को अन्य एक मठ में स्थानान्तरित किया जा रहा है। एमार मठ के साथ इसके अन्तर्गत रहने वाली दुकानों को भी तोड़ा जाएगा। मेघनाद दीवार से मात्र कुछ ही दूरी पर रहने वाले एमार मठ को पहले ही जिला प्रशासन ने खतरनाक घोषित किया जा चुका है। हालांकि मठ में पूजा पाने वाले देवी देवताओं को पहले की तरह रखा जाएगा। इस मठ के बाद बड़ अखाड़ा मठ को तोड़ा जाएगा। इस मठ में मौजूद सामग्री को सिंहद्वार थाना में ले जाया जा रहा है।
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