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Jagannath Puri Rath Yatra 2020: श्रीजगन्नाथ रथयात्रा को लेकर SC पहुंचा मामला: भक्तों को महाप्रभु का इंतजार

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की आगामी 23 जून को निकलने वाली रथयात्रा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 01:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 01:17 PM (IST)
Jagannath Puri Rath Yatra 2020: श्रीजगन्नाथ रथयात्रा को लेकर SC पहुंचा मामला: भक्तों को महाप्रभु का इंतजार
Jagannath Puri Rath Yatra 2020: श्रीजगन्नाथ रथयात्रा को लेकर SC पहुंचा मामला: भक्तों को महाप्रभु का इंतजार

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की आगामी 23 जून को होने वाली विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा होगी या नहीं उसे लेकर मामला अब सुप्रीमकोर्ट में पहुंच गया है। केन्द्र सरकार ने रथयात्रा होगी या नहीं उसकी जिम्मेदारी ओडिशा सरकार पर छोड़ दी है। ओडिशा सरकार ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने परिस्थिति को देखकर रथ खींचने का कार्य हाथी या फिर मशीन के जरिए करने का सुझाव देते हुए अंतिम निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया। ओडिशा सरकार की तरफ से अभी तक रथयात्रा को लेकर कोई निर्णय ना लिए जाने से मामला अब सुप्रीकोर्ट पहुंच गया है। हालांकि इन सबके बीच रथ निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और रथों का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। भक्त महाप्रभु की रथयात्रा का इंतजार कर रहे हैं, मगर रथयात्रा होगी या नहीं यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। 

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 क्‍या कहना है जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज का 

 इससे पहले जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि यात्रा को श्रीमंदिर की परंपरा के अनुसार आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भक्तों के बिना निकाली जा रही है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इस दौरान कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन नहीं हो। उन्होंने कहा है कि या तो इस यात्रा की सभी रस्में मंदिर परिसर के अंदर आयोजित करें या तीनों मूर्तियों के साथ हमेशा की तरह बाहर ले जायें, लेकिन परंपरा को बचाये रखने के लिए रथयात्रा निकालना सुनिश्चित करना होगा। 

 भक्तों की जीवन के रक्षा भी जरूरी 

परंपरा को बचाने के साथ-साथ भक्तों की जीवन के रक्षा भी जरूरी है, इसलिए कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि इस संदर्भ में किसी भी अधिकारी ने अब तक उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि यदि सुझाव के लिए कोई अधिकारी संपर्क करता है तो वह अपना अंतिम निर्णय बता सकते हैं।

रथयात्रा को रद करने की मांग

 रथयात्रा का निर्णय ओडिशा सरकार को लेने कि लिए हाईकोर्ट ने पिछले 11 जून को सुझाव दिया था। इस सुझाव को चुनौती देते हुए भारतीय विकास परिषद ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए रथयात्रा के आयोजन को रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुरी को पिछली ही महीने रेड जोन में शामिल किया गया है। यदि पुरी में रथयात्रा के लिए अनुमति दी जाती है तो फिर लाखों भक्तों का समागम होगा और व्यक्तिगत दुराव का भी अनुपालन नहीं हो पाएगा और महामारी कानून का भी उल्लंघन होगा। ऐसे में रथयात्रा के आयोजन को ही रद कर देना चाहिए।


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