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ओडिशा शासन का प्रतीक योद्धा घोड़े की मूर्ति को स्थानांतरित करने का निर्णय, कांग्रेस व भाजपा का विरोध

मास्टर कैंटीन चौक पर मौजूद योद्धा घोड़े की मूर्ति को हटाने के निर्णय का कांग्रेस एवं भाजपा मिलकर विरोध कर रहे हैं। ये मूर्ति 1988 से मास्टर कैंटीन चौक पर स्थापित है। यह योद्धा घोड़े की मूर्ति राज्य सरकार का एक सिंबल है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 12:41 PM (IST)
ओडिशा शासन का प्रतीक योद्धा घोड़े की मूर्ति को स्थानांतरित करने का निर्णय, कांग्रेस व भाजपा का विरोध
भुवनेश्वर मास्टर कैंटीन चौक पर मौजदू योद्धा घोड़ा प्रतिमूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन करते भाजपा नेता व कार्यकर्ता

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। मास्टर कैंटीन चौक पर मौजूद योद्धा घोड़े की मूर्ति को अन्यत्र स्थानांतरित प्रसंग को लेकर कांग्रेस एवं भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया है। कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार राउतराय के साथ कांग्रेस के नेता घोड़ा की मूर्ति के नीचे बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मास्टर कैंटीन चौक पर मौजूद यह योद्धा घोड़ा की प्रतिमूर्ति राज्य सरकार का एक सिंबल है।

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सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध

ओडिशा की ऐतिह्य एवं कीर्ति को पहचान वाले इस घोड़े को अन्यत्र स्थानांतरित करने के सरकार के निर्णय का कांगेस ने कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि ओडिशा के ऐतिह्य एवं कीर्ति की पहचान रखने वाले इस घोड़े की मूर्ति को स्थानान्तरित नहीं होने दिया जाएगा। स्थानान्तरण के समय कड़ा विरोध किया जाएगा।

मास्टर कैंटीन चौक की शोभा

यह योद्धा घोड़ा सचिवालय एवं भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन के सामने मौजूद है। यह योद्धा घोड़ा ओडिशा के स्वर्णिम इतिहास, वीरता एवं स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता की गाथा प्रदर्शित करता है। इस योद्धा घोड़े की प्रतिमूर्ति को रघुनाथ महापात्र ने निर्माण किया था जबकि हरेकृष्ण महताब, बीजू पटनायक, नंदिनी शतपथी, सत्यप्रिय महांति, नीलमणि राउतराय, चिंतामणि पाणीग्राही के प्रयास से यह घोड़ा मास्टर कैंटीन चौक की शोभा है। ऐसे में इस प्रतिमूर्ति को हटाने के बदले स्मार्टसिटी योजना में शामिल किया जाए। कांग्रेस विधायक ने कहा है कि इसके प्रतिवाद में आज विरोध प्रदर्शन किया गया है यदि सरकार नहीं मानेगी तो फिर हम लोग आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे।

घोड़ा ओडिशा शासन का प्रतीक

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी घोड़े के स्थानांतरण का विरोध किया है। भाजपा भुवनेश्वर जिला अध्यक्ष बाबू सिंह के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेता बाबू सिंह ने कहा है कि पद्म विभूषित स्व. रघुनाथ महापात्र के द्वारा ऐतिहासिक कोणार्क मंदिर के ढांचे में निर्मित यह घोड़ा ओडिशा शासन का प्रतीक है। राजधानी का परिचय है। ऐसे में इसे मास्टर कैंटीन से अन्यत्र स्थानांतरित करने के सरकार के निर्णय का भाजपा विरोध करती है।

गौरतलब है कि 1988 में मास्टर कैंटीन चौक पर स्थापित यह योद्धा एवं घोड़ा मूर्ति को अन्यत्र स्थानांतरण के लिए स्मार्टसिटी एवं बीएमसी की तरफ से एक महीने पहले संस्कृति विभाग को पत्र लिखा गया था। इस पर संस्कृति विभाग ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही स्मार्ट जनपथ कार्य में मास्टर कैंटीन में मल्टी माडल हब बनाने की योजना बनायी गई है, ऐसे में इस घोड़े का स्थानांतरण जरूरी होने की बात संस्कृति विभाग की तरफ से कही गई है। मल्टी मोडल हब होने के बाद मास्टर कैंटीन चौक पर मौजूद इस घोड़े का महत्व कम हो जाने के साथ ही स्थापत्य छिप जाने की सम्भावना होने से इसे स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।


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