Odisha: राज्य सरकार ने पुरी में जमीन प्रदान की समय सीमा बढ़ायी
ओडिशा में सुरक्षा प्राचीर के लिए जमीन प्रदान करने की समय सीमा 9 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गयी है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा प्राचीर निर्माण के लिए जमीन प्रदान करने की समय सीमा को 9 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। पहले राज्य सरकार की ओर से 2 दिसंबर तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी। अब तक 105 प्लाट सरकार को सीधे बेचे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए पुरी के निवासियों को जमीन खुद देने का आग्रह किया था।
सरकार के पुनर्वास एवं पुन: स्थापन योजना पर भरोसा जताते हुए लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं। लोगों के आग्रह को देखते हुए सरकार ने योजना की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। अब 9 दिसंबर तक लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इधर, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस कार्य में सहयोग का हाथ बढ़ाने के चलते पुरीवासियों का अभिनंदन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भगवान का काम है और लोगों ने इसके लिए जो समर्थन दिया है वह अभूतपूर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भगवान का काम है अत: लोग स्वत: इससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अबतक
74 फीसद जमीन सरकार के खाते में वापस आ चुकी है और आशा है कि शेष जमीन भी जल्द ही सरकारी खाते में आ जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरी के श्रीक्षेत्र धाम को विश्व विरासत बनाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। भगवान की इच्छा से यह काम पूरा भी होगा।
अनुगुल में नहीं होगा विकास, केंद्र ने वापस ली विकास निधि
राज्य की अन्यतम औद्योगिक नगरी अनुगुल में एलूमिनियम पार्क परिसर में प्रस्तावित विकास प्रकल्प के काम की गति से निराश केंद्र सरकार ने इसके लिए जारी की गई 33 करोड़ 44 लाख रुपये की सहायता राशि वापस ले ली है। गौरतलब है कि प्रकल्प के लिए मात्र 7 फीसद कार्य ही पिछले 4 सालों में हो पाया
है। इस निराशाजनक कार्यशैली को देखते हुए केंद्र ने प्रकल्प से अपने हाथ खींच लिए हैं। संसद में बीजद सांसद अमर पटनायक द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात कही है।
यहां यह बताना उचित होगा कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2015 में घोषणा की थी कि अनुगुल के आलुमिनियम पार्क क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए 99 करोड़ आधारभूत ढांचे के विकास के लिए दिए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए 33 करोड़ 44 लाख रुपये की सहायता राशि भी जारी कर दी थी।