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Odisha Flood: उफनाई महानदी में डूबे निचले इलाके, दहशत में कट रही है लोगों की रात

Odisha Flood महानदी में आयी बाढ़ के कारण ओडिशा के कटक जगतसिंहपुर केंद्रपाड़ा जिले के निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्‍न हो चुके हैं। हीराकुद जल भंडार के 40 गेट खोले जाने के बाद महानदी में आयी बाढ़ के प्रकोप को और बढ़ा दिया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 01:43 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 01:43 PM (IST)
Odisha Flood: निचले इलाके में रहने वाले लोग भय और दहशत में अपना दिन बिता रहे हैं।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा जिले के निचले इलाके में रहने वाले लोग भय और दहशत में अपना दिन बिता रहे हैं। लोगों के आंखों से नींद उड़ गई है। हीराकुद जल भंडार के 40 गेट खोले जाने के बाद महानदी में आयी बाढ़ के प्रकोप को और बढ़ा दिया है।

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पहले ही उफनाई महानदी ने कई इलाकों को डुबा चुकी है, ऐसे में आज जो बाढ़ का पानी आया है, उससे स्थिति और भयानक हो गई है। लोग नुकसान को लेकर दहशत में हैं। कटक शहर के स्लम इलाके पहले ही महानदी में आयी बाढ़ में डूब चुके हैं। पिछले छह सालों से जिन इलाकों में बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पा रहा था आज वे इलाके भी जलमग्न हो चुके हैं।

खबर के मुताबिक महानदी के जोबरा बैराज के पास खतरे का संकेत 21.94 फीट है जबकि बाढ़ का पानी 22.15 फीट पर रात 11 बजे से बह रहा, जिसे और बढ़ना निश्चित है। काठजोड़ी नदी में जहां खतरे का संकेत 26.41 फीट है, वहीं बाढ़ का पानी रात 11 बजे 25.55 फीट पर बह रहा है।

दलाई घई में जलस्तर बढ़कर 61 फीट

वहीं जगतसिंहपुर जिले के अति संवेदनशील दलाई घई में जलस्तर बढ़कर 61 फीट हो गया है। पुराने आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि बाढ़ के खतरे का संकेत 57 फीट माना जाता है, लेकिन नदी तटबंध मजबूत होने के बाद अब यह 62 फीट तक बढ़ जाए तो फिर यहां खतरे की आशंका ज्यादा होगी। 1955, 1982 में जब दलाई घई के पास बांध टूटा था तब यहां 64 फीट बाढ़ का पानी हिलोरे मार रहा था।

बांकी से नरसिंहपुर तक का इलाका जलमग्न

कटक जिले में बांकी से नरसिंहपुर तक का इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। कई क्षेत्रों में संचार व्यवस्था ठप हो गई है। आठगड़, तिगिरी के निवासी दहशत की स्थिति में हैं। जगतसिंहपुर जिले में कुजंग के पास, पाइका एवं महानदी के बाढ़ का पानी पहले ही गांव में घुस चुका है।

यहां निचले इलाके में रहने वाले लोग पूरी तरह से पानी के घेरे में हैं। उधर, केंद्रपाड़ा जिले के गरदपुर में चित्तोतपाला और पाइका नदी में आयी बाढ़ ने लोगों को आतंकित कर रही है। हालांकि अभी भी बाढ़ अपने चरम विभिषिका पर नहीं पहुंची है।

आज शाम तक जब और बाढ़ का पानी यहां पहुंचेगा तब बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए तटबांध इसे कितना रोक पाता इस पर सभी की नजर है और इसे लेकर दहशत भी है।

महानदी की शाखाओं के रूप में बह रही है महानदी

कटक जिले में महानदी, काठजोड़ी, सिदुआ, विरुपा, सुक पाइका, चित्तोतपाला, लूना, गेंगुटी, देवी, कंडल, कांतिलाल जैसी नदियां  बह रही हैं, जबकि जगतसिंहपुर जिले में देवी, कंदल, कंटीसाल जैसी नदियां  बह रही हैं। केंद्रपाड़ा जिले में भी लूना, चितोत्पला और पाइका नदियां महानदी की शाखाओं के रूप में बह रही हैं।

इन तीनों जिलों में शाखा नदियों का जाल बिछा है ऐसे में अब ये सहायक नदियां क्षेत्रवासियों के लिए खतरे का सबब बनी हुई हैं। कटक जिले में बाढ़ से अब तक करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं। जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में नुकसान बढ़ने की आशंका है।


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