खाद्य सुरक्षा के प्रति उदासीन है राज्य सरकार : भाजपा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में दुर्गम एवं जनजाति इलाके के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने एवं महत्व देने की बात स्पष्ट की गई है।
भुवनेश्वर, जेएनएन । राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना गरीब, असहाय ओड़िया के लिए नहीं बल्कि यह राजनीतिक उद्देश्य से परिपूर्ण है, जोकि राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष रंगलाल जामुदा के पत्र से स्पष्ट होती है। यह आरोप भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष समीर महांती ने लगाया है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में महांती ने कहा कि जामुदा ने विगत आठ अगस्त को राज्य खाद्य आपूíत एवं उपभोक्ता कल्याण विभाग के सचिव को पत्र लिखा था जो मीडिया को भी दिया गया। उस पत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में दुर्गम एवं जनजाति इलाके के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने एवं महत्व देने की बात स्पष्ट की गई है। राज्य में ट्राइबल सब प्लान के अंतर्गत 119 जनजाति उप योजना में शामिल ब्लॉकों में 7091 योग्य परिवार को खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल नहीं किया गया है।
इसके अलावा जून 2018 तक इन ब्लॉकों में बीडीओ के पास 15822 आवेदन विचार के लिए पड़े हुए हैं। इसके अलावा जून में ही और 8621 आवेदन इनके पास पहुंचे है। इसके साथ ही सितंबर पहले ही सप्ताह में यह आवेदन संख्या और बढ़ने की संभावन होने की बात जामुदा ने अपने पत्र में लिखी है।