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श्रीमंदिर में कतारबद्ध दर्शन की व्यवस्था पहले ही दिन फेल

महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर में सोमवार से महाप्रभु के दर्शन के लिए कतारबद्ध व्यवस्था लागू की लेकिन वो पहले दिन ही फेल हो गई ।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 11:06 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 06:54 PM (IST)
श्रीमंदिर में कतारबद्ध दर्शन की व्यवस्था पहले ही दिन फेल
श्रीमंदिर में कतारबद्ध दर्शन की व्यवस्था पहले ही दिन फेल

भुवनेश्वर, जेएनएन। महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर में परीक्षण के तौर पर महाप्रभु का दर्शन करने के लिए सोमवार से कतारबद्ध व्यवस्था लागू की गई है। हालांकि पहले ही दिन यह व्यवस्था फेल हो गई है।  खबर के मुताबिक मंदिर का दरवाजा भोर के समय खुला और दरवाजा खुलते ही भक्त कतारबद्ध व्यवस्था को दरकिनार करते हुए पहले पहुंचने की होड़ में मंदिर में प्रवेश करने लगे जैसे पहले करते थे। 

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महिला भक्तों का भी वही हाल रहा। कतारबद्ध व्यवस्था का विरोध करते हुए श्री जगन्नाथ सेना के कार्यकर्ता एवं महिला भक्तों ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि भीड़ होगी तो कतारबद्ध दर्शन करने की व्यवस्था लगानी चाहिए। यदि भीड़ नहीं तो फिर हम लाइन में लगकर क्यों जाएं। 

वहीं दूसरी तरफ कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था में हुई विश्रंखला पर पुरी के जिलाधीश ज्योतिप्रकाश दास ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन के प्रयास को विफल करना ठीक नहीं है। लाइन तोड़कर कौन कौन लोग आगे बढ़े हैं, उसकी सीसीटीवी फुटेज से जांच की जाएगी। इसके कारण एवं निराकरण पर चर्चा की जाएगी। निर्णय हुआ था कि सोमवार से श्रीमंदिर में महाप्रभु के दर्शन के लिए भक्तों को लाइन लगकर जाना होगा। सिंहद्वार होते हुए सभी भक्त लाइन में श्रीमंदिर में प्रवेश करेंगे और महाप्रभु का दर्शन करेंगे। इसके बाद अन्य तीन द्वार से बाहर निकल जाएंगे। इसके लिए सिंहद्वार के सामने स्थाई बैरिकेड भी बनाया गया है।

इस व्यवस्था को हर दिन लागू न कर सप्ताह में एक दिन किया जाएगा। लाइन से जाकर दर्शन करने में यदि भक्तों को कोई असुविधा होती दिखेगी तो फिर उसमें जरूरी सुधार लाकर कार्तिक महीने के बाद प्रत्येक दिन के लिए इस व्यवस्था को कार्यकारी कर दिया जाएगा। दर्शन के लिए भक्तों को कोई असुविधा न हो इसके लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की जाएगी। पहले ही दिन इस तरह की गड़बड़ी देखी गई है। कतारबद्ध दर्शन व्यवस्था को पहले से ही सेवायत, भक्त एवं स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे।


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