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पुलिस की पिटाई से बचने के लिए स्वीकार कर लिया हत्या का गुनाह, ढाई माह जेल में रहे पिता-पुत्र

Son and father. पुलिस की पिटाई से बचने के लिए पिता और पुत्र ने हत्या का गुनाह स्वीकार कर लिया। घटना ओडिशा की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 03:47 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 03:47 PM (IST)
पुलिस की पिटाई से बचने के लिए स्वीकार कर लिया हत्या का गुनाह, ढाई माह जेल में रहे पिता-पुत्र
पुलिस की पिटाई से बचने के लिए स्वीकार कर लिया हत्या का गुनाह, ढाई माह जेल में रहे पिता-पुत्र

जासं, भुवनेश्वर। अपराध करने के बाद जेल गए तो समझ में आता है, मगर बिना किसी अपराध किए पुलिसिया रौब में यदि आपको जेल में डाल दिया जाए तो फिर हमारी पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। ऐसी ही एक घटना ओडिशा में देखने को मिली है।

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जानकारी के मुताबिक, बिना किसी गलते किए निर्दोष पिता-पुत्र को पुलिस की गलत जांच के चलते ढाई महीने तक जेल में सड़ने को मजबूर होना पड़ा है। इन दोनों निर्दोष पिता पुत्र को रविवार को जेल से छोड़ दिया गया है। यह घटना राज्य के मयूरभंज जिला के बादामपहाड़ थाना क्षेत्र में घटी है। पुलिस ने जिस महिला को मृतक घोषित किया था, उसे अपने घर आ जाने के बाद यह सच्चाई सामने आई है।

गत 27 अप्रैल को पाहाड़पुर गांव के पास जंगल से पुलिस ने एक अनजान महिला का अर्धनग्न शव बरामद किया था। यह शव पुरुणापाणी गांव के संजय नायक की पत्नी राइमणि (20) का होने की बात पुलिस ने कही थी। इसके बाद राइमणि की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके पति संजय व ससुर मंगला नायक को गिरफ्तार कर लिया था। आठ मई को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट भेज कर दिया था। इसके बाद से ये पिता-पुत्र जेल में बंद थे।

इसी बीच, पिछले 18 जुलाई को राइमणि जब अपने घर लौटी तो गांव वाले आश्चर्यचकित हो गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने राइमणि को एसडीजेएम कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट ने संजय व उसके पिता को जेल से बरी करने का निर्देश दिया। अब ये दोनों पिता पुत्र जेल से बाहर निकले हैं। संजय नायक ने कहा कि शादी के एक महीने बाद राइमणि अपने पिता के घर चली गई थी। इसके बाद मैं उसे लाने के लिए वहां गया, मगर वह उस समय घर पर नहीं थी। इसके कुछ दिन बाद एक शव मिला। इसके बाद राइमणि की मैंने हत्या कर दी है कहकर राइमणि के पिता ए​वं परिवार वालों ने थाना में केस दर्ज करा दी। बादामपाहाड़ पुलिस ने हम बाप-बेटे को गिरफ्तार कर ली और पिटाई की। पुलिस की पिटाई से बचने के लिए हमने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।

उल्लेखनीय है कि राइमणि घर छोड़कर कटक चली आई थी। वह कटक में श्रमिक के तौर पर काम रही थी। हालांकि अब पाहाड़पुर जंगल से जो शव मिला था वह किसका था, उस संबंध में कोई पता नहीं चला है। इस घटना के बारे में बादामपाहाड़ थाना अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

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