ओडिशा पंजाबी समाज के स्तंभ थे कैप्टन नरूला
कैप्टन वीके नरूला की याद में गुरुद्वारा ¨सहसभा, भुवनेश्वर की तरफ
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : कैप्टन वीके नरूला की याद में गुरुद्वारा ¨सहसभा, भुवनेश्वर की तरफ से स्थानीय गुरुद्वारा परिसर में गुरुवार को स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न समुदाय के लोगों ने उपस्थित रहकर कैप्टन नरूला को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके द्वारा समाज एवं देश हित में किए गए कार्यों को याद किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कैप्टन नरूला ओडिशा पंजाबी समुदाय के स्तंभ थे और भुवनेश्वर में विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे। वे नौवाणिज्य वाहिनी में मास्टर मेरिनर के तौर देश सेवा से जुड़े और पूरी दुनिया का भ्रमण किया। वक्ताओं ने बताया कि नार्थ वेस्टर्न फ्रंटियर ऑफ नन डिवाइडेड इंडिया के एबटाबाद में जन्मे कैप्टन नरूला भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान हुए नरसंहार के साक्षी भी थे। कैप्टन नरूला को किताबें पढ़ने का शौक था। इसके अलावा कैप्टन नरूला भुवनेश्वर क्लब, सटर्डे क्लब, कोलकाता के आजीवन सदस्य भी रहे तथा भुवनेश्वर गोल्फ क्लब, पंजाबी आर्य सनातन बिरादरी, भुवनेश्वर म्यूजिक सर्कल, दृष्टिदान के संस्थापक सदस्य रहते हुए इन संस्थाओं को आगे बढ़ाने में उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा।
इस अवसर पर एडमिरल एसएम शर्मा (रिटायर्ड परम विशिष्ठ सेवा मेडल) ने कहा कि कैप्टन नरूला एक ऐसे इंसान थे जो समाज को सदैव कुछ न कुछ देने में विश्वास करते थे। आर्य समाज के अध्यक्ष श्रीराम हंस ने कहा कि नरूला के निधन से पंजाबी समुदाय को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, वह पंजाबियों के मार्ग दर्शक थे। मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि कैप्टन नरूला एक ¨जदादिल एवं नेक दिल देशप्रेमी इंसान थे। उनके निधन से सिर्फ सिख समुदाय को ही नहीं बल्कि पूरे देश को अपूरणीय क्षति हुई है। अनिल धीर ने कैप्टन नरूला को युवाओं का प्रेरणास्रोत बताया। इस अवसर पर भुवनेश्वर गुरुद्वारा में शबद कीर्तन का आयोजन किया गया तथा कैप्टन नरूला की सद्गति के लिए प्रार्थना की गई। उल्लेखनीय है कि विगत 17 सितंबर को कैप्टन नरूला का भुवनेश्वर पलासपल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया था।