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दईतापति नियोग कमेटी को लेकर विवाद गहराया

श्रीक्षेत्र धाम पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु के अंग सेवक माने जाने वाले दईतापतियों में विवाद बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:29 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:29 PM (IST)
दईतापति नियोग कमेटी को लेकर विवाद गहराया
दईतापति नियोग कमेटी को लेकर विवाद गहराया

संसू, भुवनेश्वर : श्रीक्षेत्र धाम पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु के अंग सेवक माने जाने वाले दईतापतियों में विवाद बढ़ गया है। दईतापति नियोग के वर्तमान अध्यक्ष रामकृष्ण दास महापात्र (टिकीपुअ) को हटाने की मुहिम के तहत शुक्रवार को बैठक में निर्णय हुआ था। मगर शनिवार को दूसरे गुट ने इस बैठक की वैधता पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उल्लेखनीय है कि श्रीमंदिर प्रशासन ने पालिआ पुरस्कार योजना के लिए नई कमेटी गठन करने का अल्टीमेटम दिया था। श्रीमंदिर प्रशासन के इस पत्र के बाद दईतापति महापात्र गुट ने मौजूदा दईता नियोग के स्थान पर नए नियोग गठन करने का पत्र श्रीमंदिर प्रशासन को भेजा था। इसे लेकर शुक्रवार को कमेटी की बैठक हुई जिसमें वर्तमान कमेटी के स्थान पर नई कमेटी गठन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। लेकिन इस निर्णय को मानने से कुछ सेवायतों ने इनकार कर दिया है और इसे कानूनी चुनौती देने की बात कहकर श्रीमंदिर प्रशासन का सिरदर्द बढ़ा दिया है। प्रेमानंद दास महापात्र ने कहा है कि पूर्व कमेटी को किसी भी सूरत में तोड़ा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि मात्र कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी श्रीमंदिर प्रशासन को भेजी गई है इससे कमेटी के ज्यादातर सदस्य सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चिट्ठी के आधार पर अगर कमेटी को भंग किया जाता है तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। महापात्र का आरोप है कि मौजूदा कमेटी का कार्यकाल 2021 में समाप्त होगा। अत: इससे पहले इसे भंग नहीं किया जा सकता है। अब दईतापति नियोग का मामला श्रीमंदिर प्रशासन के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।

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