सुन्दरी बाघिन कैद, महावीर बाघ की मौत, सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट बंद
युवा रॉयल बंगाल टाइगर महावीर की बुधवार रात को अनुगल जिले के सातोकोसिया जंगल में मौत गई ।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य में बाघ की आबादी को बढ़ावा देने की राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अधिकारी (एनटीसीए) की योजना गहरा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार युवा रॉयल बंगाल टाइगर महावीर की बुधवार रात को अनुगल जिले के सातोकोसिया जंगल में मौत गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से इस युवा बाघ को लाया गया था। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश से आकर सातकोशिया जंगल में छोड़ी गई बाघिन सुन्दरी द्वारा दो-दो व्यक्ति की हत्या करने के बाद बंदी बनाकर रखा गया है। ऐसी स्थिति में सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इस संबंध में पीसीसीएफ डा. संदीप त्रिपाठी ने कहा है कि सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट का सामयिक तौर पर बंद किया गया है। एनटीसीए के साथ चर्चा करने के बाद आगे क्या कदम उठाना है निर्णय लिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक सातोकोसिया वन के कोर एरिया में मृत पाया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि मात्र ढाई साल के युवा महावीर बाघ को लेकर एनटीसीए को उम्मीद थी कि वंश वृद्धि की उम्मीद थी। इसी के चलते इसे सुन्दरी बाघिनी के पास जंगल में छोड़ा गया था। हालांकि सुन्दरी एवं महावीर के मिलन से पहले ही सुन्दरी गांवों की तरफ निकल आयी और मनुष्यों को अपना आहार बनाने लगी। ऐसे में उसे ट्रांकुलाइज कर एनक्लोजर के अन्दर रखा गया है। अब महावीर की मृत्यु हो जाने से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण को इस हेतु तगड़ा झटका माना जा रहा है। महावीर की मौत का सटीक कारण अभी तक पता नहीं लगा है लेकिन उसके गर्दन के पास चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे माना जा रहा है कि इसी चोट के कारण संक्रमण होने से महावीर की मौत हुई है।
इस घटना के बाद जंगल के अधिकारियों ने बाघ के शरीर पर चोट के निशान पाए हैं। उन्हें संदेह है कि शायद चोट से जानवर की मौत हुई है। किस परिस्थिति में महावीर की मौत हुई है, उसकी जांच की जिम्मेदारी अनुगुल डीएफओ को दिए जाने की बात डा. त्रिपाठी ने कही है। उन्होंने कहा है कि कुछ समय के लिए सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया है।