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राज्य के मठ-मंदिरों की संपत्ति में घोटाला

केवल महाप्रभु श्री जगन्नाथ की हजारों एकड़ की संपत्ति पर जबरन कब्जा नही हुआ है अपितु कई मंदिरों में ऐसा ही गड़बड़झाला होने की बात आडिट रिपोर्ट में सामने आयी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 09:42 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:26 AM (IST)
राज्य के मठ-मंदिरों की संपत्ति में घोटाला

संसू, भुवनेश्वर: केवल महाप्रभु श्री जगन्नाथ की हजारों एकड़ की संपत्ति पर जबरन कब्जा नही हुआ है अपितु कई मंदिरों में ऐसा ही गड़बड़झाला होने की बात ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 61 धर्मानुष्ठानों के ऑडिट का निर्देश दिए जाने के बाद नित नए तथ्य सामने आ रहे हैं। ऑडिट के दौरान पता चला है कि घटगांव तारिणी मंदिर, ब्रह्मापुर के कनक परमेश्वरी मंदिर, पुरी के जगन्नाथ बल्लभ मठ, भुवनेश्वर के राम मंदिर, बारीपदा के जगन्नाथ मंदिर में भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। सीएजी द्वारा चल रही ऑडिट रिपोर्ट में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार लगभग सभी धर्मानुष्ठानों में अनियमितता हुई है।

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गौरतलब है कि इससे पहले सरकार के देवोत्तर विभाग ने इन मठों-मंदिरों की ऑडिट की है मगर उस ऑडिट रिपोर्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी होना दर्शाया नहीं गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि देवोत्तर विभाग की ऑडिट रिपोर्ट को क्यों कर ऐसा बनाया गया कि गड़बड़ी को छिपाया जाए। प्रशासन पर अंगुली उठ रही है कि क्या जानबूझकर मठ-मंदिरों में हुए गड़बड़झाले को छिपाया जा रहा था। राज्य में तकरीबन 17 हजार 472 मंदिर तथा 459 मठ हैं जो देवोत्तर विभाग के अधीन संचालित हैं। मगर इनमें से ज्यादातर नियमानुसार ऑडिट रिपोर्ट सरकार के पास दाखिल ही नहीं करते।


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