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Puri Jagannath Temple: भक्तों के लिए एक फरवरी से पुन: खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर, रविवार को रहेगा बंद

Puri Jagannath Temple पुरी जगन्नाथ मंदिर को आगामी एक फरवरी से पुन भक्तों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक की अध्यक्षता हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि पहले की तरह प्रत्येक रविवार को मंदिर भक्तों के लिए बंद रहेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 08:37 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 08:37 PM (IST)
Puri Jagannath Temple: भक्तों के लिए एक फरवरी से पुन: खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर, रविवार को रहेगा बंद
भक्तों के लिए एक फरवरी से पुन: खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर, रविवार को रहेगा बंद। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर को आगामी एक फरवरी से पुन: भक्तों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक की अध्यक्षता हुई छत्तीसा निजोग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि पहले की तरह प्रत्येक रविवार को मंदिर भक्तों के लिए बंद रहेगा, यह जानकारी पुरी जिलाधीश समर्थ वर्मा ने दी है जगन्नाथ मंदिर के सेवक, छत्तीसा निजोग के साथ हुई बैठक के बाद जिलाधीश वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए जगन्नाथ मंदिर को भक्तों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है। रविवार को मंदिर स्वच्छता के उद्देश्य से बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि पुरी शहर के नागरिकों को पश्चिमी द्वार से मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति होगी, जबकि बाहरी लोग पूर्वी प्रवेश द्वार का उपयोग करेंगे। भक्तों को महामारी के मद्देनजर सभी कोविड मानदंडों का पालन करते हुए मंदिर में जाने की अनुमति दी जाएगी।

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नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा

पुरी जिलाधीश वर्मा ने कहा है कि रात के समय लगने वाला कर्फ्यू जारी रहेगा। इस संबंध में जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि लगभग 200 से 300 योग्य सेवकों को कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाया जा चुका है। अन्य को उनकी दूसरी खुराक से नौ महीने की अवधि पूरी होने के पश्चात लगाया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण पुरी जगन्नाथ मंदिर को 10 जनवरी से 31 जनवरी, 2022 तक के लिए बंद कर दिया गया था। पुरी कलेक्टर और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के उप मुख्य प्रशासक समर्थ वर्मा ने मंदिर को बंद करने के बारे में सूचित किया था, क्योंकि मंदिर प्रशासन के कई सेवकों और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित मिले थे।

पुरी के बाहर के शवों को पुरी स्वर्गद्वार में अंतिम संस्कार पर लगी रोक हटाई गई

पुरी जिला प्रशासन ने पुरी के स्वर्गद्वार में अन्य जिलों और राज्यों से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को वापस ले लिया है। इसके साथ ही पुरी जिला प्रशासन ने समुद्र या महोदधि में राख के विसर्जन पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। आदेश में कहा गया कि पुरी जिले के साथ-साथ पुरी नगर पालिका क्षेत्र में कोविड-19 सकारात्मक मामलों की घटती संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पुरी जिला प्रशासन की तरफ से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए दिशा-निर्देशों जारी करते हुए कहा गया है कि स्वर्गद्वार, पुरी में कोविड-19 के अलावा अन्य मृतक की स्थिति में अधिकतम दस व्यक्तियों को मृतक के साथ जाने की अनुमति होगी। मृतक के परिजनों को स्वर्गद्वार सेवा समिति के स्वागत काउंटर पर आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। साथ ही, उन्हें कोविड के उचित व्यवहार जैसे फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग और दो मीटर की व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने का सख्ती से पालन करना होगा। आदेश के का सख्ती से अनुपालन करने व गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने सात जनवरी, 2022 को जिले के बाहर से मृतक के पुरी स्वर्ग द्वार में अंतिम संस्कार पर प्रतिबंध लगाया था, ताकि कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सके।


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