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पंचायतीराज व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावार हुई काग्रेस, 26 को मनाएगी काला दिवस

राजनीतिक फायदे के लिए बीजद सरकार राज्य में पंचायतीराज व्यवस्था को कमजोर करने के साथ ही शक्तिहीन करने पर आमादा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 05:27 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 05:27 AM (IST)
पंचायतीराज व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावार हुई काग्रेस, 26 को मनाएगी काला दिवस
पंचायतीराज व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावार हुई काग्रेस, 26 को मनाएगी काला दिवस

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : राजनीतिक फायदे के लिए बीजद सरकार राज्य में पंचायतीराज व्यवस्था को कमजोर एवं शक्तिहीन करने के साथ पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को कम करने में लगी हुई है। इसके खिलाफ आगामी 26 दिसंबर को पूरे राज्य में कांग्रेस काला दिवस मनाएगी। कांग्रेस के इस कार्यक्रम को राज्य पंचायत सदस्य महासंघ ने भी अपना समर्थन दिया है।

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नगर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पीसीसी प्रवक्ता सुदर्शन दास एवं राज्य समिति सदस्य महासंघ के अध्यक्ष गोपबंधु स्वांई ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शुरू आम गां, आम विकास एवं पीठा कार्यक्रम में ग्रामसभा, पंचायत सहित पंचायत प्रतिनिधियों की उपेक्षा करने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को इसमें शामिल न करने और उन्हें भरोसे में न लेना, पंचायत व्यवस्था के प्रति सिर्फ असम्मान ही नहीं है बल्कि पंचायतीराज व्यवस्था पर कुठाराघात है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन किया था ताकि पंचायतीराज के माध्यम से क्षमता विकेंद्रीकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव आ सके। बावजूद इसके इस प्रयास के मूल उद्देश्य को वर्तमान ओडिशा सरकार नष्ट कर रही है। राज्य सरकार के इस हीन षडयंत्र से पंचायतीराज को सुरक्षित रखने के लिए विगत छह दिसंबर को राज्य स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में 26 दिसंबर, मंगलवार को कालादिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया गया था।

इस दिन सभी पंचायत कार्यालय में काला झंडा लहराने, प्रतिनिधि काला बैच धारण करने, पंचायत समिति कार्यालय के सामने प्रदर्शन आदि आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 6 सूत्री मांगपत्र मुख्यमंत्री को भेजने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की गई है। मांगों में आम गां, आम विकास कार्यक्रम में शामिल योजनाओं को ग्रामसभा-पंचायत के अनुमोदन को अनिवार्य करने, पीठा कार्यक्रम में सभी पंचायत को शामिल करने, समिति सदस्य एवं जिला परिषद के लिए कोष की व्यवस्था, पंचायत प्रतिनिधि के भत्ते को सम्मानजनक करने, जन प्रतिनिधि जैसा सम्मान एवं पंचायती राज व्यवस्था के संशोधन को तुरंत कार्यकारी करना शामिल हैं। दास ने कहा कि इन सभी मांगों पर जन जागरूकता फैलाने का भी प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर पीसीसी प्रवक्ता सोनाली साहू, हिमांशु लेंका, विष्णुप्रिया चांद प्रमुख उपस्थित थे।


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