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भारतीय बंदरगाह प्रस्ताव 2021 का ओडिशा सरकार ने किया विरोध: केन्द्रीय मंत्री को राज्य परिवहन मंत्री ने लिखा पत्र

Indian Port Proposal 2021 भारतीय बंदरगाह कानून 2021 लाने के केन्द्र सरकार (Central Government ) के प्रस्‍ताव पर ओडिशा सराकर ने आपत्ति जतायी है। इसे लेकर राज्य परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा ने केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडभाये को पत्र लिखा है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 02:33 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 02:33 PM (IST)
भारतीय बंदरगाह कानून 2021 लाने के लिए प्रस्ताव

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। केन्द्र सरकार ने भारतीय बंदरगाह कानून 2021 लाने के लिए एक प्रस्ताव प्रकाशित किया है। हालांकि केन्द्र सरकार के इस प्रस्ताव पर ओडिशा सरकार ने आपत्ति जतायी है। इस संदर्भ में राज्य योजना, संयोजन, व्यापार ए​वं परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा ने केन्द्रीय बंदरगाह, बंदरगाह परिवहन, एवं जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडभाये को पत्र लिखा है। 

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राज्य परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उक्त कानून के कार्यकारी होने पर भारतीय बंदरगाह कानून 1908 निरस्त हो जाएगा। इसके अलावा बंदरगाह, बंदरगाह संचालन एवं जलमार्ग विकास कार्य तथा राज्य की क्षमता भी संकुचित हो जाएगी। ऐसे में यह कानून लाने से पहले पुन: विचार किया जाना चाहिए। मंत्री बेहेरा ने अपने पत्र में लिखा है कि ओडिशा सरकार राज्य समुद्री परिषद का गठन करने वाली है। पिछले फरवरी महीने में यह राज्य विधानसभा में भी पारित हो गया है। इसे केन्द्र गृह व्यापार मंत्रालय के पास भेजा गया है और राष्ट्रपति के अनुमोदन का इंतजार है। ऐसे में प्रस्तावित नए भारतीय बंदरगाह कानून में उक्त परिषद को शामिल करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके लिए व्यवस्था करने को भी मंत्री ने अनुरोध किया है। 

इस नए कानून के जरिए केन्द्र सरकार का तटीय राज्यों के बंदरगाह एवं समुद्रीय विकास के कार्य में अधिक नियंत्रण होगा, जो राज्य के हित के खिलाफ है। मंत्री ने कहा है कि इससे राज्यों की क्षमता संकुचित होगी और यह संघीय व्यवस्था की मौलिक नीति के खिलाफ है।

ऐसे में ओडिशा इस प्रस्ताव का विरोध करता है। मेरीटाइम स्टेटस डेवलेपमेंट काउंसिल (एमएसडीसी) 1997 से एक सलाहकार परिषद के तौर पर कार्य करते आ रही है। यह बंदरगाह एवं जलमार्ग के विकास के लिए विभिन्न योजना बनाने में विशेष भूमिका निभा रही है। हालांकि उक्त प्रस्ताव इस एमएसडीसी को वैधानिक क्षमता देगा। परिणाम स्वरूप विभिन्न विकास कार्य एवं कर्मचारी चयन जैसे कार्य में केन्द्र सरकार का अधिक हस्तक्षेप होगा, जो स्वीकार योग्य नहीं है। मंत्री बेहेरा ने उक्त प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए केन्द्र मंत्री से हस्तक्षेप करने को अनुरोध किया है।


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