Odisha News: नक्सलियों को बीएसएफ आइजी की चेतावनी, तो हम भी हथियार उठाने को मजबूर हो जाएंगे
Odisha News बीएसएफ के नवनियुक्त आईजी डीके शर्मा ने कही कि हथियार से किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता है। नक्सल गतिविधि से जुड़े नक्सली भी हमारे अपने ही भाई हैं। सरेंडर करते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं और समाज की मुख्य धारा में शामिल हो।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Odisha News: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बुधवार को एक पत्रकार सम्मेलन में बीएसएफ के नवनियुक्त आईजी डीके शर्मा ने कही कि हथियार से किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता है। नक्सल गतिविधि से जुड़े नक्सली भी हमारे अपने ही भाई हैं। प्रदेश व केंद्र सरकार ने इनके पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था की है। हम चाहते हैं कि आप अपने ही भाई हैं। सरेंडर करते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं और समाज की मुख्य धारा में शामिल हो। अन्यथा आप हथियार उठाएंगे तो हम भी हथियार उठाने को मजबूर हो जाएंगे और फिर इसका अंजाम क्या हो होगा, वह भी आप सबको पता है।
नक्सलियों से मुख्य धारा में शामिल होने के लिए अनुरोध किया
पत्रकार सम्मेलन में आईजी बीके शर्मा के अलावा डीआईजी धीरेन्द्र कुमार, डीआईजी बीबी गोसांई, कमांडेंट ईश्वरचन्द्र कुमार तथा टु आईसी सुमन कुमार प्रमुख भी रहे। डीके शर्मा ने कहा कि हमने 12 अक्टूबर को यहां अपना कार्यभार संभाला है। कार्यभार संभालने के डेढ़ महीने में हमने ओडिशा में मौजूद 48 सीओबी में से 46 सीओबी का दौरा कर चुका हूं। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काफी विकास किया है। रोड इंप्रास्ट्रक्चर से लेकर मोबाइल नेटवर्क व बिजली पानी तक हर व्यवस्था सरकार ने की है। बीएसएफ के आईजी ने नक्सलियों से नक्सल गतिविधि को छोड़कर सरकार की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए अनुरोध किया।
नक्सल गतिविध खत्म करेंगे
ओडिशा के में 2010 में सीमा सुरक्षा बल ने अपनी दश्तक दी और यहां तब अधिकांश जिले नक्सल प्रभावित हुआ करते थे। अब सीमा सुरक्षा बल ने प्रदेश में नक्सल गतिविधि को समेटते हुए मात्र 10 जिलों तक सीमित कर दिया है। इन 10 जिलों में भी मात्र दो जिले मालकानगिरी व कोरापुट जिले हैं, जहां नक्सल गतिविधि सक्रिय है। इन्हें खत्म करने के लिए हमारा प्रयास जारी है। जल्द ही हम अपने इसमें सफलता प्राप्त कर लेंगे। बीएसएफ आईजी ने गुरुप्रिया सेतु का जिक्र करते हुए कहा कि इस सेतु के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 2013 में शिलान्यास किया था, मगर नक्सली गतिविधि के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। बीएसएफ को इसकी जिम्मेदारी मिलने के बाद इस सेतु का निर्माण हुआ और 2018 से 151 प्रदेश के गांव मुख्यधारा के साथ जुड़ गए हैं।
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