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शीतकालीन सत्र शुरू होते ही भाजपा-कांग्रेस ने दिखाए तेवर

ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पूर्वानुमान के अनुसार ही हंगामेदारी रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:19 AM (IST)
शीतकालीन सत्र शुरू होते ही भाजपा-कांग्रेस ने दिखाए तेवर
शीतकालीन सत्र शुरू होते ही भाजपा-कांग्रेस ने दिखाए तेवर

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पूर्वानुमान के अनुसार ही हंगामेदार रही। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विरोधी दल भाजपा एवं कांग्रेस के विधायक विभिन्न मुद्दों पर सरकार पर हमलावर दिखे और विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बावजूद अपनी मांग पर चर्चा कराने की जिद में अडिग रहते हुए सदन में शोर शराबा करने लगे। सदन में हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।

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इससे पहले राज्य विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन बुधवार से शुरू हुआ। अधिवेशन के प्रारंभ में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शोक प्रस्ताव पेश किया। इसे विरोधी दल के नेता भाजपा विधायक प्रदीप्त नायक एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने अपना समर्थन दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र के निर्देश पर सदन में दिवंगत सदस्यों के लिए एक मिनट मौन प्रार्थना की गई। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल शुरू हुआ। हालांकि प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा के विधायक नारी अत्याचार पर चर्चा करने एवं कांग्रेस के विधायक जाजपुर जिला के स्मितारानी हत्या के मामले पर मुलतवी प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग करने लगे। इससे विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नोत्तर काल के बाद इस पर चर्चा की जाएगी, जो भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों को मंजूर नहीं थी। भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों ने प्रश्नोत्तर काल को रद कर इस चर्चा करने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के पास आ गए और अपनी मांग पर अडिग रहते हुए हो हल्ला शुरू कर दिया। सदन में हो हल्ला जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।

भाजपा विधायक दल के नेता प्रदीप्त नायक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हमारी बात न सुनना आश्चर्यजनक है। हम महत्वपूर्ण विषय कानून व्यवस्था, नारी अत्याचार पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे, इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने इस पर चर्चा करने की मांग की मगर उन्होंने नहीं सुना।

कांग्रेस नेता तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि आज प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं। इस पर हम चर्चा करने की मांग की मगर विधानसभा अध्यक्ष ने हमारी बात नहीं सुनी। विधानसभा अध्यक्ष बीजद के अध्यक्ष नहीं हैं। उन्हें सभी की बात सुननी चाहिए। ऐसा न करने पर कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया है।

बीजद विधायकों को सदन में उपस्थित रहने की ताकीद : बीजू जनता दल के विधायकों के लिए विधानसभा सत्र के दौरान उपस्थिति सुनिश्चित करने की ताकीद करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि 2 दिन से अधिक समय के अनुपस्थित रहने पर उनसे अनुमति लेनी होगी। साथ ही हर दिन 11 बजे सभी विधायकों की उपस्थिति संबंध में दल के मुख्य सचेतक को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देना होगा। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद सदन में शासक दल के विधायकों के लिए उपस्थिति अनिवार्य हो गई है। विधानसभा सत्र आरंभ होने से पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को आगाह किया है कि विधानसभा का सत्र चालू रहते समय सभी सदस्य सदन में उपस्थित रहें। बीजद सुप्रीमो ने विधायकों को निर्देश दिया है कि वे अपने कामकाज की रिपोर्ट हर दो महीने में प्रस्तुत करें।


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