Move to Jagran APP

Odisha News: सुनामी को लेकर ओडिशा के 100 और गांव तैयार, जागरूकता गतिविधियां की शुरू

बाढ़ और चक्रवात प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बाद ओड़िशा सरकार ने 2023 में 100 और गांवों व वार्डों को सुनामी के लिए तैयार करने की कवायद तेज कर दी है। इसमें लोगों के बीच विभिन्न हितधारकों का प्रशिक्षण शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Sun, 19 Mar 2023 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 04:17 PM (IST)
Odisha News: सुनामी को लेकर ओडिशा के 100 और गांव तैयार, जागरूकता गतिविधियां की शुरू
सुनामी को लेकर ओडिशा के 100 और गांव तैयार

अनुगुल/भुवनेश्वर, संतोष कुमार पांडे। बाढ़ और चक्रवात प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बाद, ओड़िशा सरकार ने 2023 में 100 और गांवों व वार्डों को सुनामी के लिए तैयार करने की कवायद तेज कर दी है।

loksabha election banner

आईओटीआर के साथ-साथ 2023 में ओडिशा सुनामी तैयारी कार्यक्रम में ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) के अधिकारियों ने बताया कि 62 सुनामी-प्रवण गांवों और वार्डों को हिंद महासागर सुनामी तैयार (आईओटीआर) कार्यक्रम के तहत पहले ही कवर किया जा चुका है। इसके तहत 100 से अधिक सुनामी-प्रवण गांवों और वार्डों में जागरूकता गतिविधियां शुरू की गई हैं।

लोगों के बीच कराए जा रहे विभिन्न प्रशीक्षण

इसके तहत गतिविधियों में जागरूकता पैदा करना, मॉक ड्रिल, सुनामी के खतरे वाले क्षेत्रों की मैपिंग, सुनामी प्रबंधन योजना तैयार करना, क्षमता निर्माण, और अन्य लोगों के बीच विभिन्न हितधारकों का प्रशिक्षण शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि विशेष रूप से, गंजाम में रंगीलुंडा ब्लॉक के वेंकटरायपुर (बॉक्सीपल्ली) गांव और जगतसिंहपुर में एरसामा ब्लॉक के नोलियासाही गांव को 2020 में यूनेस्को-इंटरगवर्नमेंटल ओशनोग्राफिक कमीशन (आईओसी) के आईओटीआर कार्यक्रम के तहत पहले दो सुनामी के लिए तैयार समुदायों के रूप में मान्यता दी गई है।

पूर्ण पैमाने पर लागू होगा कार्यक्रम

हालांकि, एक ओएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा कि पहचान किए गए गांवों को सुनामी के लिए तैयार करने की कवायद उसी साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई थी। जैसा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट कम हो गया है, कार्यक्रम अब पूर्ण पैमाने पर लागू किया जा रहा है।

अधिकारी ने कहा कि राज्य के छह तटीय जिलों के 22 ब्लॉकों में पहचाने गए सूनामी संभावित गांवों और वार्डों की संख्या भी 326 से बढ़कर 381 हो गई है।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सभी चिन्हित गांवों और वार्डों के लोगों के लिए सूनामी-तैयार समुदायों की मान्यता प्राप्त करना है। इसके अनुसार चरणबद्ध तरीके से अभ्यास किए जा रहे हैं।

ओएसडीएमए के अधिकारियों ने कहा कि 2004 में दक्षिण भारत में हजारों लोगों की जान लेने वाली विनाशकारी सुनामी के मद्देनजर लोगों को इस आपदा के बारे में जागरूक होने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.