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Odisha में घट रही बेटियों की संख्या, लिंगानुपात में आई गिरावट, आगे की स्थिति जटिल

Odisha Girls Ratio ओडिशा के जाजपुर जिले में पिछले दो दशकों से जिस दर से लड़कियों की संख्या घट रही है वह भविष्य में जटिल रूप लेने की संभावना है। 2019 से 2021 तक की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट के अनुसार महिला जन्म अनुपात कम है।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Fri, 27 Jan 2023 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 11:31 AM (IST)
Odisha में घट रही बेटियों की संख्या, लिंगानुपात में आई गिरावट, आगे की स्थिति जटिल
ओडिशा में पिछले दो दशकों से लड़कियों की संख्या घटने से भविष्य में जटिल रूप लेने की संभावना है।

भुवनेश्वर, जागरण संवादाता। ओडिशा के जाजपुर जिले में पिछले दो दशकों से जिस दर से लड़कियों की संख्या घट रही है, वह भविष्य में जटिल रूप लेने की संभावना है। अब हर हजार लड़कों पर केवल 898 लड़कियां हैं। विशेषज्ञ अब इस खतरनाक स्थिति के बारे में चिंतित हैं। कई वरिष्ठ लोगों ने व्यक्त किया है कि उन्हें अब शादी के लिए लड़की नहीं मिलेगी। 2019 से 2021 तक की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट के अनुसार, महिला जन्म अनुपात कम है।

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घट रहा लिंगानुपात

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति हजार लड़कों पर 929 लड़कियां हैं, जबकि ओडिशा में यह दर काफी कम है। यहां हर हजार लड़कों पर 894 लड़कियां पैदा होती हैं। उस आधार पर जाजपुर जिले में यह संख्या 898 है। इसे बहुत ही चिंताजनक बताया जा रहा है। लड़कों और लड़कियों के बीच लिंग अंतर 102 है। यदि ऐसा अंतर जारी रहता है, तो अगले 30 वर्षों के बाद, लड़कों की तुलना में लड़कियों के जन्म की संख्या गंभीर स्थिति में गिरने की संभावना है। 2001 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, जाजपुर जिले में प्रति हजार लड़कों पर 937 लड़कियों का जन्म हुआ था। 2011 तक, यह संख्या घटकर 926 हो गई थी और अब यह अनुपात 894 हो गया है।

अवैध लिंग निर्धारण को संख्या में गिरावट का मुख्य कारण बताया जा रहा है। सरकारी मुख्यालय के अस्पताल में सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) मशीन होने के बावजूद उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। गर्भवती महिलाओं को अप्रत्यक्ष रूप से निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन अस्पतालों में अवैध रूप से लिंग निर्धारण को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला स्तर पर अवैध लिंग निर्धारण पर कानूनी सलाहकार समितियां हैं। तैयारी बैठक आयोजित की जा रही है। अवैध लिंग निर्धारण एजेंसियों पर छापे नहीं मारे जा रहे हैं।

भ्रूण हत्या की सूचना देने पर 25 हजार का इनाम

लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या के लिए सूचना देने वाले को 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी जानकारी नहीं पहुंच पा रही है। विभाग के कुछ बेईमान कर्मचारियों और दलालों के बीच सांठगांठ के कारण यह कदम विफल हो रहा है। सरकार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की आड़ में बालिका शक्ति, अनिर्णय और अदम्य के नारे लगा रही है, लेकिन इसे वास्तव में लागू नहीं किया जा रहा है।


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