नंदनकानन मार्ग से गुजरने वाले रहें होशियार, सात माह में जा चुकी है 10 लोगों की जान
जयदेव विहार-नंदनकानन मार्ग पर सात माह में 10 लोगों की जान जा चुकी है , 50 से अधिक हादसे का शिकार हुए हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राजधानी का जयदेव विहार-नंदनकानन मार्ग धीरे-धीरे डेंजर जोन का रूप धारण करता जा रहा है। इस रोड पर पिछले सात माह में हुए हादसों में 10 लोगों की जान चली गई जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बावजूद बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से नंदनकानन को जोडऩे वाले इस रास्ते पर ट्रैफिक व्यवस्था अभी तक सुव्यवस्थित नहीं हो पाई है।
इस मार्ग पर आए दिन छोटे बड़े हादसे हो रहे हैं मगर प्रशासन की नींद नहीं टूट रही। सुबह नौ बजे से 11 बजे एवं शाम को पांच बजे से रात 10 बजे तक इस मार्ग पर वाहनों के दबाव से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। जयदेव विहार से नंदनकानन जाने वाले इस 10 किमी मार्ग पर कलिंग अस्पताल चौक, डमणा एवं कीट चौक पर बड़े ट्रैफिक पोस्ट हंै इसके अलावा पटिया व जाविर चौक के पास छोटे ट्रैफिक पोस्ट हैं।
मगर इन पोस्टों पर ट्रैफिक अधिकारियों कभी कभार ही नजर आते हैं। इसके अलावा इस रास्ते पर बने डिवाइडर के बीच आठ कटिंग भी एक बड़ी समस्या है। किसी भी कटिंग से जब कभी कोई बड़ी गाड़ी मुड़ती है तब उस मार्ग पर करीब आधा किमी जाम लग जाता है। आलाम यह है किइस मार्ग पर सुबह या शाम 20 किमी की रफ्तार चलना लोगों की मजबूरी हो जाती है। इस तरह दिन प्रतिदिन इस मार्ग पर समस्या गंभीर होती जा रही है, मगर प्रशासन कोई ध्यान न दे रहा है। इससे लोगों में नाराजगी है।
जुर्माना वसूलने से पीछे नहीं हटते हैं यातायात कर्मचारी
प्रबल भीड़ भाड़ वाले इस मार्ग पर ट्रैफिक सिगनल भले ही फेल हो गया हो मगर पुलिस जुर्माना वसूलने में पीछे नहीं रहती। आए दिन इस मार्ग पर चार जगह जुर्माना वसूला जाता है। पांच से छह ट्रैफिक पुलिसकर्मी जयदेव विहार चौक, पाल हाईट्स, कलिंग अस्पताल चौक, रघुनाथपुर के पास अपने इस काम में मुस्तैद नजर आते हैं।
जाम में एंबुलेंस का भी होता है बुरा हाल
जयदेव विहार-नंदनकानन मार्ग पर ट्रैफिक जाम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अनेकों बार यहां एंबुलेंस को भी फंस जाना पड़ा। इससे बीमार समेत परिजनों की हालत खराब हो चुकी है। एक दिन पहले ही कलिंग अस्पताल चौक पर एंबुलेंस जाम में इस तरह फंस गया कि उसे आगे-पीछे नहीं जा सका। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस गायब नजर आए। ट्रैफिक सिगनल होने के बाद ही एंबुलेंस आगे बढ़ा। इस तरह यह मार्ग और जाम रोगियों के जीवन के लिए भी खतरा बना हुआ है।