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Naba Das Murder Case: नव दास हत्याकांड में क्राइम ब्रांच का खुलासा, निजी रंजिश के चलते गोपाल दास ने ली थी जान

Naba Das Murder ओडिशा में क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान खुलासा किया है कि प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नव किशोर दास की सनसनीखेज हत्या सुनियोजित थी और आरोपी ने होश में आकर अपराध किया था।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Sat, 27 May 2023 12:19 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 12:19 AM (IST)
नव दास हत्याकांड में क्राइम ब्रांच का खुलासा, निजी रंजिश के चलते गोपाल दास ने ली थी जान

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा में क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान खुलासा किया है कि प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नव किशोर दास की सनसनीखेज हत्या सुनियोजित थी और आरोपी ने होश में आकर अपराध किया था।

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ओडिशा पुलिस की जांच एजेंसी ने आर्म्स एक्ट अधिनियम 27(1) व आईपीसी की धारा 307/302 के तहत बर्खास्त एएसआई आरोपी गोपाल कृष्ण दास के खिलाफ झारसुगुड़ा में एसडीजेएम कोर्ट में प्रारंभिक चार्जशीट जमा करने के बाद दावा किया कि आरोपी की मानसिक स्थिति सामान्य थी।

गोपाल दास की मानसिक स्थिती स्थिर 

आरोपी के परिवार द्वारा किए गए दावे का खंडन करते हुए कि वह लंबे समय से बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित था और मानसिक बीमारी के लिए दवा ले रहा था।

अपराध शाखा ने कहा कि डीएमईटी द्वारा एक विशेष मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था, जिसे गोपाल दास में कोई सक्रिय मनोरोग नहीं मिला तथा वह काफी सामान्य था।

वह जांच में सहयोग कर रहा था और पूछे गए सभी सवालों का ठोस तरीके से जवाब दे रहा था। क्राइम ब्रांच ने आज एक विज्ञप्ति में कहा कि उसकी मानसिक स्थिति स्थिर और सामान्य पाई गई।

क्या थी हत्या के पीछे की मंशा

क्राइम ब्रांच ने हत्या के पीछे की मंशा का खुलासा करते हुए कहा कि आरोपी ने निजी रंजिश के चलते मंत्री की हत्या की थी।

सभी साक्ष्यों, वृत्तचित्र, मेडिको कानूनी, साइबर फोरेंसिक और बैलिस्टिक राय के मूल्यांकन के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी गोपाल कृष्ण दास ने मृतक मंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत शिकायत और पीड़ा और बदले की भावना विकसित की थी।

उसे नव किशोर दास और उनके समर्थकों से खतरा महसूस हुआ और धीरे-धीरे उसने हत्या करने का मन बना लिया।

इसके लिए उसने सावधानीपूर्वक योजना बनाई और फिर अपराध को अंजाम दिया। अपराध शाखा 29 जनवरी से मामले की जांच कर रही है।

एएसआई गोपाल दास, जो नव किशोर दास के कार्यक्रम में यातायात नियमन का प्रभारी था ने भीड़ के बीच में ही अपनी सर्विस गन से उन पर फायरिंग कर दी। शाम को भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

ब्रजराजनगर पुलिस स्टेशन में धारा 307 आईपीसी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। चूंकि मामला एक सेवारत मंत्री के जीवन पर हमले से जुड़ा था, घटना के दिन ही मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया था।

10 जांच टीमों का गठन किया

जांच के दौरान, क्राइम ब्रांच ने 10 जांच टीमों का गठन किया, उन्हें झारसुगुड़ा, भुवनेश्वर, बरहमपुर और अन्य स्थानों पर प्रतिनियुक्त किया।

जांच एजेंसी ने 89 गवाहों की जांच की साथ ही जांच अधिकारियों ने अभियुक्तों की अपराधिता स्थापित करने के लिए फेरो कैमरा और एलवीए टेस्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट जैसे वैज्ञानिक उपकरणों सहित नवीनतम गैजेट्स का इस्तेमाल किया।

हालांकि, क्राइम ब्रांच ने टॉयलेट के टैंक , और बरामद डायरी के बारे में विज्ञप्ति में कोई ज़िक्र नही किया है, जो जांच की स्पष्टता पर सवालिया निशान खड़े करता है।


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