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Puri Rath Yatra 2021: नहीं थमा संक्रमण तो इस साल भी बिन भक्तों के होगी महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी की रथयात्रा

Puri Rath Yatra 2021 कोरोना संक्रमण इसी तरह बढ़ता गया तो इस साल भी बिन भक्तों की होगी महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा श्रीमंदिर संचालन कमेटी का कार्यकाल 15 मार्च से हो चुका है खत्म राज्य सरकार ने अभी तक नहीं किया है श्रीमंदिर संचालन कमेटी का गठन।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 02:32 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 02:35 PM (IST)
Puri Rath Yatra 2021: नहीं थमा संक्रमण तो इस साल भी बिन भक्तों के होगी महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी की रथयात्रा
इस साल महाप्रभु की रथयात्रा 12 जुलाई को है।

 भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण नियंत्रण में नहीं आया तो फिर पिछले साल की ही तरह इस साल भी श्रीक्षेत्र धाम पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा बिना भक्तों के होगी। परिस्थिति पर श्रीमंदिर प्रशासन एवं राज्य सरकार नजर रखे हुए हैं। रथयात्रा के लिए मात्र तीन महीने का समय बचा है, मगर अभी तक तैयारी शुरू नहीं हो पायी है। परंपरा के अनुसार श्रीपंचमी तिथि में केवल रथ की लकड़ी अनुकुल हुई है। 

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जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण समन्वय कमेटी की बैठक भी नहीं हो रही है। इस साल महाप्रभु की रथयात्रा 12 जुलाई को है। इससे पहले अक्षय तृतीया के दिन रथ निर्माण अनुकुल होने की विधि है। 15 मई को अक्षय तृतीया है। इसी दिन रथ अनुकुल होने के साथ ही श्रीजीवों की चंदन यात्रा शुरू होगी। महामारी कोरोना के कारण पिछले साल श्रीमंदिर के अन्दर श्रीजीओं की अक्षय तृतीया नीति एवं रथ अनुकुल नीति सम्पन्न की गई थी। नरेन्द्र पुष्करिणी के बदले श्रीमंदिर के अन्दर महाप्रभु नौका विहार किए थे। बिना भक्तों के दारूब्रह्म की स्नान यात्रा हुई थी। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद बिना भक्तों के महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी अपने भाई बहन के साथ रथ पर सवार होकर मौसी घर गए थे अर्थात रथयात्रा निकाली गई थी। श्रीमंदिर के सेवकों के अलावा किसी भी भक्त को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी। 

 

पुरी में भी संक्रमण बढ़ रहा है 

इस साल भी कोरोना पुन: लौट आया है। प्रदेश के अन्य जिलों की तरह पुरी में भी संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में महाप्रभु की रथयात्रा बिना भक्तों की होगी या भक्तों के साथ होगी उसे लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है। पिछले महीने की 15 तारीख से श्रीमंदिर की संचालन कमेटी का कार्यकाल खत्म हो गया है मगर राज्य सरकार ने अभी तक नई कमेटी का गठन नहीं किया है। ऐसे में आगामी दिनों में अक्षय तृतीया, स्नान पूर्णिमा यात्रा तथा रथयात्रा के बारे में चर्चा के लिए संचालन कमेटी की बैठक नहीं हुई है। रथयात्रा से पहले यदि संचालन कमेटी का पुनर्गठन नहीं होता है तो फिर श्रीमंदिर छत्तीसा निजोग बैठक सिफारिश के आधार पर राज्य सरकार इस संबन्ध में अन्तिम निर्णय करने की संभावना रहती है। इस संबन्ध क्या होने वाला है, अभी से अपना मत देने के लिए श्रीमंदिर के कर्मचारी या फिर अधिकारी तैयार नहीं है। 

 रथयात्रा से पहले सेवकों को लगेगी कोरोना वैक्‍सीन 

कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आगामी रथयात्रा के बारे में ठीक समय पर निर्णय लिए जाने की जानकारी एक अधिकारी ने दी है। अक्षय तृतीया नजदीक आ गई है। स्नान यात्रा एवं रथयात्रा को ध्यान में रखकर श्रीमंदिर के सभी सेवकों का कोविड टीका लगाने को श्रीमंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है। रथयात्रा से पहले ही सभी सेवकों को कोरोना वैक्‍सीन लगाए जाने का प्रस्ताव है। श्रीमंदिर की तरफ से इस संबन्ध में सभी सेवकों को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है। मई महीने के अंत में कोरोना की स्थिति को देखकर आगामी रथयात्रा के संदर्भ में श्रीमंदिर प्रशासन एवं राज्य सरकार जरूरी निर्णय लेने की सम्भावना है।


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