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भुवनेश्वर की सभी सात विस सीटों पर है बीजद का कब्जा

भुवनेश्वर संसदीय क्षेत्र की सभी सातों विधानसभा सीट पर बीजू जनता दल (बीजद) का कब्जा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 05:28 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:37 AM (IST)
भुवनेश्वर की सभी सात विस सीटों पर है बीजद का कब्जा

जासं, भुवनेश्वर : भुवनेश्वर संसदीय क्षेत्र की सभी सातों विधानसभा सीट पर बीजू जनता दल (बीजद) का कब्जा है। ये सीटें जयदेव, भुवनेश्वर मध्य, भुवनेश्वर उत्तर, एकाम्र भुवनेश्वर, जटनी, बेगुनिया और खुर्दा विधानसभा सीट है। सभी पर 2014 में बीजद के विस उम्मीदवार जीते थे। इस लोकसभा क्षेत्र में 16 लाख 900 मतदाता है जिनमें 8 लाख 64 हजार 256 पुरुष, 7 लाख 36 हजार 264 महिलाएं हैं। यहां पर 381 किन्नर मतदाता भी हैं। भाजपा, बीजद और सीपीएम के अलावा तृणमूल कांग्रेस, बसपा व निर्दल प्रत्याशी भी मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला बीजद और भाजपा के बीच हैं। पर दोनों की लड़ाई में तीसरे प्रत्याशी यानी कांग्रेस समर्थित सीपीएम के उम्मीदवार जनार्दन पति जीतने की छटपटाहट में है।

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भुवनेश्वर लोकसभा क्षेत्र की राजनीतिक पृष्ठ भूमि देखें तो 1962 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस जीतती रही। 1977 में जब देश में कांग्रेस विरोधी लहर थी तो सीपीएम के शिवाजी पटनायक यहां चुनाव जीते। 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और चितामणि पाणिग्रही विजयी हुए। 1984 के लोकसभा चुनाव में पाणिग्रही फिर जीते। लेकिन 1989 आते-आते यहां पर कांग्रेस की जीत का तिलस्म टूटने लगा था। राम मंदिर लहर के बाद भी सीपीएम ने यह सीट जीतकर संदेश दिया कि भुवनेश्वर की जनता धर्मनिरपेक्ष है। 1991 में भी सीपीएम के शिवाजी पटनायक का सीट पर कब्जा बरकरार रहा। 1996 के चुनाव में सौम्यरंजन पटनायक को कांग्रेस की टिकट पर जनता ने जिताया। उन्हें जानकी बल्लभ पटनायक का दामाद होने का लाभ मिला। 26 दिसंबर 1997 को जब नवीन पटनायक ने बीजू जनता दल (बीजद) बनाया। बीजू पटनायक की लहर पर सवार होकर बीजद के प्रसन्न पटशाणी 1998 का चुनाव जीत गए। जीत का यह सिलसिला अब तक जारी है।

उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर शहरी इलाका होने के कारण 49.17 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है और 50.83 प्रतिशत शहरी इलाकों में। 2014 के चुनाव में सबसे कम भुवनेश्वर लोकसभा सीट पर मतदान 58.37 प्रतिशत हुआ था।


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