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भुवनेश्वर में तेजी से फैल रहा है कोरोना का स्थानीय संक्रमण: थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी

Coronavirus in Bhubaneswar राजधानी भुवनेश्वर के साथ पूरे प्रदेश में कोरोना का स्थानीय संक्रमण के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है। भुवनेश्वर में स्थानीय संक्रमण तेजी से तो बढ़ने के बावजूद लोग ना ही सावधानी बरत रहे हैं और ना ही कोविड गाइडलाइन का अनुपालन कर रहे हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 02:01 PM (IST)
भुवनेश्वर में तेजी से फैल रहा है कोरोना का स्थानीय संक्रमण: थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
भुवनेश्वर के साथ पूरे प्रदेश में स्थानीय संक्रमण के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है।

 भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में राजधानी भुवनेश्वर के साथ पूरे प्रदेश में स्थानीय संक्रमण के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी लापरवाही की कीमत ना सिर्फ आपको बल्कि आपके पूरे परिवार को चुकानी पड़ सकती है। 

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जानकारी के मुताबिक राजधानी भुवनेश्वर में कोरोना का स्थानीय संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है और आलम यह है कि भुवनेश्वर स्थानीय संक्रमण के मामले राज्य में शीर्ष पर पहुंच गया है। इस बात का खुलासा राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग तथा भुवनेश्वर नगर निगम के आंकड़ों के विश्लेषण से हुआ है। 22 अप्रैल को ओडिशा में जहां स्थानीय संक्रमण की संख्या 2589 थी, वहीं भुवनेश्वर में 460 थी। 21 अप्रैल को राज्य में जहां कुल स्थानीय संक्रमण का आंकड़ा 2037 था, वहीं भुवनेश्वर में 388 था। 20 अप्रैल को जहां पूरे प्रदेश में कुल स्थानीय संक्रमण 1976 था, वहीं राजधानी में 470 था। 

 19 अप्रैल को राज्य में स्थानीय संक्रमण 1871 था, वहीं राजधानी में यह आंकड़ा 386 था। 18 अप्रैल को राज्य में स्थानीय संक्रमण संख्या 1537 थी, वहीं भुवनेश्वर में यह संख्या 290 थी। 17 अप्रैल को राज्य में स्थानीय संक्रमण 1321 था, वहीं भुवनेश्वर में यह आंकड़ा 360 था। 16 अप्रैल को राज्य में जहां स्थानीय संक्रमण की संख्या 1302 थी, वहीं राजधानी भुवनेश्वर में यह संख्या 245 थी। 15 अप्रैल को राज्य में कोरोना का स्थानीय संक्रमण 1256 था, वहीं यह संख्या भुवनेश्वर में 270 थी। 14 अप्रैल को राज्य में स्थानीय संक्रमण की संख्या 953 थी, वहीं राजधानी भुवनेश्वर में यह संख्या 238 थी। 13 अप्रैल को राज्य में कोरोना का स्थानीय संक्रमण जहां 749 था, वहीं राजधानी में यह आंकड़ा 146 था। इन आंकड़ों को गौर करने पर पता चलता है कि कुल स्थानीय संक्रमण का लगभग 20 फीसदी मामले राजधानी भुवनेश्वर में पाये गये हैं।

 स्थानीय संक्रमण के मामले कोरोना रोगियों के संपर्क में आने वालों का मामला होता है। इस श्रेणी के रोगी या तो सीधे तौर कोरोना मरीज के संपर्क में आता है या जाने-जाने भीड़-भाड़ की जगह पर कोरोना की चपेट में आता है। सनद रहे कि 22 अप्रैल को राजधानी क्षेत्र में कोरोना ने लंबी छलांग लगायी थी। भुवनेश्वर नगर निगम क्षेत्र के दायरे में 590 कोरोना पाजिटिव मामलों की पुष्टि हुई थी। इनमें से संगरोध केंद्र से 130 मामले और स्थानीय संक्रमण के 460 मामले शामिल थे। एक कोरोना संक्रमित की मौत भी हुई थी।

 यहां उल्लेखनीय है कि राजधानी में स्थानीय संक्रमण तेजी से तो बढ़ने के बावजूद लोग ना ही सावधानी बरत रहे हैं और ना ही कोविड गाइडलाइन का अनुपालन कर रहे हैं। राजधानी में भुवनेश्वर रसुलगड़ जीजीपी कालोनी में मौजूद सरकारी डिस्पेस्पेंसरी कोरोना टीका के लिए इन जिस कदर लोगों की भीड़ उमड़ रही है, वह निहायत ही खतरनाक है। 

यहां से हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बावजूद ना ही प्रशासन का ध्यान जा रहा है और ना ही बीएमसी इस पर ध्यान दे रही है। ऐसे में समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाया तो वह दिन दूर नहीं जब सरकार की यह डिस्पेंसरी कोरोना संक्रमण का प्रमुख केन्द्र बन जाएगी।


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