श्रीमंदिर की तर्ज पर महाप्रभु श्रीलिंगराज मंदिर के लिए भी बनाया जाएगा विशेष कानून: सीएम पटनायक
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने श्री लिंगराज मंदिर एवं एकाम्र क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा करने के बाद इस संदर्भ में घोषणा करते हुए कहा कि पुरी श्रीमंदिर की तर्ज पर भुवनेश्वर स्थित महाप्रभु श्रीलिंगराज मंदिर के लिए भी एक विशेष कानून बनाया जाएगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पुरी श्रीमंदिर की तर्ज पर भुवनेश्वर स्थित महाप्रभु श्रीलिंगराज मंदिर के लिए भी बहुत जल्द एक विशेष कानून बनाया जाएगा। ओडिशा हिंदू देवोत्तर कानून 1951 के अनुसार मंदिर संचालन करने के बदले राज्य सरकार के इस नए कानून के द्वारा सभी कार्य संपादित होंगे। श्रीलिंगराज मंदिर एवं यहां नीति के साथ जुड़े सभी मंदिर के संचालन का दायित्व एक 15 सदस्यीय संचालन कमेटी पर निर्भर होगा। मंदिर की सभी संपत्ति का रखरखाव, आधारभूमि विकास, आय, नीति नियम, सेवकों के हित के साथ सभी निर्णय लेने की क्षमता इस कमेटी के पास होगी। बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने श्री लिंगराज मंदिर एवं एकाम्र क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा करने के बाद इस संदर्भ में घोषणा की है।
एकाम्र क्षेत्र के विकास प्रोजेक्ट को घूमकर देखने के बाद मुख्यमंत्री ने लिंगराज मंदिर के सिंहद्वार पहुंचकर वहीं से महाप्रभु को प्रणाम किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सेवकों के साथ चर्चा भी की है। मुख्यमंत्री ने देवी पादहरा पुष्करणी को घूमकर देखते हुए विन्दुसागर मठ के प्रोजेक्ट कार्य की समीक्षा भी की। एकाम्र क्षेत्र प्रोजेक्ट के लिए जमीन दान करने वाले लोगों को मुख्यमंत्री ने धन्यवाद दिया है। प्रोजेक्ट कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी के सहयोग की कामना की। प्रोजेक्ट कार्य के विकास पर मुख्यमंत्री ने संतोष प्रकट किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यहां पर अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह योजना सफल प्रयास होने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।