सूर्य मंदिर कोणार्क को कोई खतरा नहीं
सूर्य मंदिर मरम्मत एवं रखरखाव को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई।
जासं, भुवनेश्वर : सूर्य मंदिर मरम्मत एवं रखरखाव को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की महानिदेशक ऊषा शर्मा ने अदालत में हलफनामा दाखिल किया। कोणार्क मंदिर के रखरखाव एवं संरक्षण का दायित्व सन 1938 से एएसआइ के हाथ में है और विभाग इस ऐतिहासिक धरोहर के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात निदेशक शर्मा ने अपने हलफनामा के जरिए हाईकोर्ट को अवगत किया।
बताया है कि उत्तराखंड के रुड़की में मौजूद सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआइ) के परामर्श के मुताबिक भी मंदिर मरम्मत एवं रखरखाव किया जा रहा है। सर्वेक्षण की अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक सूर्य मंदिर से खंड-खंड पत्थर को नहीं हटाया जा रहा है। मंदिर के प्रति कोई खतरा न होने की बात एएसआइ निदेशक ने अपने हलफनामा में उल्लेख किया है। वहीं अगली सुनवाई के समय एएसआइ एक्शन प्लान संबंधित तथ्य हाईकोर्ट में दाखिल करने के लिए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएस जावेरी एवं न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ रथ की खंडपीठ ने एएसआइ को निर्देश दिया है। 21 जनवरी 2019 को मामले की अगली सुनवाई की जाएगी।