कोणार्क उत्सव में मोहिनीअटटम व ओडिशी की धूम
पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव के तीसरे दिन मोहिनीअटटम एवं ओडिशी नृत्य की धूम रही।
संसू, भुवनेश्वर : पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव के तीसरे दिन मोहिनीअटटम एवं ओडिशी नृत्य की धूम रही। नई दिल्ली से आई जयप्रभा मेनन एवं साथियों ने आकर्षक नृत्य शैली में मोहिनीअट्टम पेश किया। कवि जयदेव रचित गीत गोविंद के आधार पर प्रस्तुत अष्टपदी के जरिए इन कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। अष्टपदी के बाद नाग तत्वम एवं अंत में जीवा शीर्षक इनकी प्रस्तुति भी शानदार रही। इनकी अंतिम प्रस्तुति जीवा के जरिए मोक्ष प्राप्ति को नृत्य के जरिए दर्शाया गया जबकि तत्वम के जरिए प्रकृति एवं पुरुष तत्व की व्याख्या नृत्य के जरिए की गई। गुरु जयप्रभा मेनन के साथ उनके साथी कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल के जरिए उपस्थित दर्शकों का दिल जीता। कोणार्क उत्सव की तीसरी शाम की पहली प्रस्तुति ओडिशा नृत्य की थी। अनुगुल से आए नृत्य निलय संस्थान के कलाकारों ने अग्निस्तुति के साथ अपनी पहली प्रस्तुति पेश की। इसके बाद उनकी दूसरी प्रस्तुति त्रिवेणी के जरिए गंगा-यमुना-सरस्वती की महिमा का वर्णन किया गया और पाप से मुक्ति के लिए त्रिवेणी के अवदान को नृत्य के जरिए दर्शाया गया। नृत्य गुरु स्मितारानी सिन्हा के कुशल निर्देशन में युवा नृत्यागनाओं व नर्तकों ने अपने नृत्य के जरिए उपस्थित दर्शकों के मन पर छाप छोड़ी। इससे पूर्व कार्यक्रम उदघाटन प्राचार्य एजी यशोधरा राय चौधरी द्वारा किया गया। इस मौके पर सम्मानित अतिथि के तौर पर पर्यटन विभाग के निदेशक रामचंद्र यादव, संगीत नाटक अकादमी के सचिव बिजय कुमार जेना व ओडिशी अनुसंधान केंद्र की प्रमुख डॉ. संगीता गोसाई उपस्थित थे।