भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। ओडिशा के झारसुगुड़ा में स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास के निधन के बाद से सीट खाली हो गई है, ऐसे में उप चुनाव होना लगभग तय माना जा रहा है। इस विधानसभा सीट का कार्यकाल समाप्त होने में एक साल से अधिक का समय बचा है। वहीं संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार भी देखा जाए तो किसी भी विधानसभा सीट को छह महीने से अधिक समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है। फिलहाल, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) औपचारिक रूप से सूचित करने के बाद उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा।
6 सीटों पर हो चुके हैं उपचुनाव
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा 16वीं विधानसभा के गठन के बाद से अब तक प्रदेश में 7 विधायकों का निधन हो चुका है। इनमें 6 विधायकों में बालासोर से भाजपा विधायक मदन मोहन दत्ता, तिरतोल से बिष्णु चरण दास, पिपिली से बीजद विधायक प्रदीप महारथी, ब्रजराजनगर से बीजद विधायक किशोर मोहंती, धामनगर से भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी और पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र से बिजय रंजन सिंह बरिहा का नाम शामिल है, जिनके निधन के बाद इन सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।

कैसा था नव दास का कार्यकाल
गौरतलब है कि ओडिशा की 16 वीं विधानसभा का गठन 2019 के आम चुनावों के बाद किया गया था। झारसुगुड़ा विधानसभा सीट का कार्यकाल समाप्त होने में एक साल से अधिक का समय बचा है और ऐसे में उपचुनाव लगभग तय है।
वहीं इस सीट पर स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल की बात करें तो दास ने 2009 में झारसुगुड़ा की राजनीति में अपने प्रतिद्वंद्वी मोहंती को हराकर कांग्रेस के टिकट पर झारसुगुड़ा सीट से राज्य विधानसभा में पदार्पण किया। 2014 के चुनाव में भी दास ने मोहंती को हराया था। हालांकि, वह 2019 के चुनाव से पहले बीजद में शामिल हो गए और उन्होंने झारसुगुड़ा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने। वे फिलहाल ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भी थे।