महाप्रभु के रत्न भंडार की सोलह सदस्यीय टीम ने की जांच
महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के रत्न भंडार की जांच प्रक्रिया खत्म हो ग
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के रत्न भंडार की जांच प्रक्रिया खत्म हो गई है। बाहर भंडार की जांच करने के बाद अंदर गए सभी प्रतिनिधि श्रीमंदिर से बाहर निकल आए हैं। जांच के दौरान रत्न भंडार की छत एवं दीवारों में दरार देखी गई है। जांच टीम में शामिल तड़ऊकरण (सेवायत) हिमांशु पटनायक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विधि के मुताबिक रत्न भंडार का जांच कार्य संपन्न हो गया है। केवल बाहर भंडार की जांच हुई है। भीतर भंडार की छतों को लाइट के जरिए देखा गया जिसमें छत में दरार और दीवारों में सीलन दिखाई पड़ी। श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक ने बताया कि जरूरी जांच के बाद टीम के सदस्य अंदर प्रवेश किए थे। गजपति महाराज के प्रतिनिधि, नीति प्रशासक एवं भंडार मेकाप ने ताला खोला था। बाहर रत्न भंडार में प्रवेश करने के बाद सर्च लाइट से अंदर देखा गया, जहां जाला इत्यादि होने से झाड़ू लगाकर उसे साफ किया गया। दीवार एवं छत को हाथ लगाकर देखा गया तो दीवार में सीलन थी।
इससे पूर्व बुधवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महाप्रभु एवं श्रीलोकनाथ की आराधना के बाद त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच बाहर रत्न भंडार का दरवाजा गजपति महाराजा के प्रतिनिधि ने खोला। इसके बाद रत्न भंडार में प्रवेश के लिए पहले से तय सदस्यों में से 16 लोगों को संघन तलाशी के बाद एक-एक कर श्रीमंदिर में प्रवेश कराया गया। इनमें पुरातत्वविद तपन कुमार भट्टाचार्य, चितरंजन दास, एचए नायक, कोर कमेटी के सदस्य जेसी मित्र, एनसीपाल, गजपति महाराज के प्रतिनिधि अमीय महांती, भंडार मेकाप (गणेश मेकाप), छत्तीसा निजोग महानायक जनार्दन पाटजोशी महापात्र, मुख्य प्रशासक प्रदीप कुमार जेना, हाईकोर्ट के प्रतिनिधि एनके महांती, जिलाधीश अरविन्द अग्रवाल, रत्न भंडार सब कमेटी के सदस्य रामचंद्र दास महापात्र व अनंत तिआड़ी, नीति प्रशासक प्रदीप दास देउलकरण चन्द्रशेखर मंगराज व तड़ऊकरण हिमांशु पटनायक शामिल थे। हालांकि जेसी मित्र के अस्वस्थ हो जाने के बाद वह बाहर निकल आए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले मई 1978 में महाप्रभु का रत्न भंडार खोला गया था और तकरीबन 70 दिनों की गिनती के बाद रिपोर्ट तैयार की गई थी।
गमछा नहीं पहने होने के चलते अंदर नहीं जा सके एसपी
श्रीमंदिर रत्न भंडार की जांच के लिए 17 सदस्यों के नाम तय किए गए थे। बुधवार को जांच टीम में शामिल सदस्यों को सघन तलाशी के बाद श्रीमंदिर में प्रवेश कराया गया। सभी ने गमछा पहनकर श्रीमंदिर में प्रवेश किया। मगर एसपी डॉ. सार्थक षडंगी के गमछा नहीं पहने होने के कारण वह अंदर नहीं जा सके। रत्न भंडार जांच प्रक्रिया को लेकर श्रीमंदिर के अंदर एवं बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। बम स्क्वायड से लेकर स्नेक हेल्पलाइन, एंबुलेंस आदि तमाम सुरक्षा के बंदोबस्त श्रीमंदिर परिसर में थे।