कोरोना काल में मानवता शर्मसार: किराया न देने पर 3 दिन के बच्चे संग माता-पिता को घर से निकाला
ओडिशा में कोरोना काल के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आयी है किराया न देने पर 3 दिन के बच्चे के साथ माता-पिता को घर से बाहर निकाल दिया।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोरोना महामहारी दिन प्रतिदिन उग्र रूप धारण करती जा रही है ऐसे में इस महामारी में मानव भी अपनी मानवता भूलने लगे हैं। खून के रिश्ते पराये हो जा रहे हैं तो फिर अन्य रिश्तों को कौन पूछता है। ऐसी ही एक घटना देखने को अनुगुल जिले के पौरांचल क्षेत्र में मिली है। घर का किराया ना दे पाने से 3 दिन के बच्चे के साथ माता-पिता को घर की मालकिन ने अपने घर से बाहर कर दिया। बात इतने में ही खत्म नहीं हुई। सिर पर छत की आस में महिला, पति एवं बच्चे के साथ अपने पिता के घर गई, वहां भी उसे निराशा ही हाथ लगी है। कोरोना के डर से पिता के घर वालों ने भी उसे वहां ठिकाना नहीं दिया।
सूचना के मुताबिक इस असहाय युवक का घर झारखंड में है और वह अनुगुल में रहकर काम धंधा करता है। अनुगुल जिला के तलमूल क्षेत्र में एक महिला के साथ उसने शादी कर ली। विवाह के बाद से वे दोनों एक ही साथ किराए के घर में रह रहे थें। जब से कोरोना महामारी फैली है तब से उनका काम धंधा बंद हो गया है। अपने खाने के लिए उन्हेंं लाले पड़ गए तो फिर वे किराया कहां से देंगे। ऐसी ही परिस्थिति में महिला ने अनुगुल मुख्य जिला अस्पताल में एक कन्या संतान को जन्म दिया। छोटी बच्ची को लेकर जब वह मेडिकल से अपने किराए के घर में लौटी तो वहां घर मालिक उन्हें रोक दिया। एक तो घर का किराया बाकी था दूसरे वे मेडिकल से लौटे थे ऐसे में घर मालिक ने उन्हें घर में नहीं घुसने दिया।
छोटे बच्चे को लेकर कहां जाएं, चिंतन कर युवक पत्नी एवं नवजात बच्ची के साथ अपने ससुर के घर तलमूल पहुंचा। यहां भी उन्हें आशियाना नहीं मिला और समान स्थिति का सामना करना पड़ा। बाहर से आए हो, तुम्हें कोरोना हो सकता है, कहकर ससुराल वालों ने विदा कर दिया। इसके बाद सब कुछ भाग्य पर छोड़कर पति-पत्नी नवजात को लेकर पुन: अनुगुल लौट आए। स्थानीय साप्ताहिक बाजार के चबूूतरे पर भूखे प्यासे बैठे रहे।
स्थानीय इलाके कुछ युवक पिछले तीन दिन से उन्हें खाना-पीना दे रहे थे कि इसकी सूचना उप जिलाधीश को मिली। उपजिलाधीश ने समस्या का समाधान करने के लिए नगर निकाय (पौर) अधिकारी को कहा। इसके बाद नगर निकाय के अधिकारी विनोद चन्द्र पंडा, अतिरिक्त तहसीलादर मौके पर पहुंचकर जिस घर में ये किराए पर रहते थे उस घर के मालिकिन को समझा बुझाया। इसके बाद घर की मालकिन घर में रखने को राजी हुई।