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भुवनेश्वर में आयोजित होगा मानव विज्ञान महासम्मेलन 2023

सम्मेलन का आयोजन सम्मिलित रूप से कीस विश्व विद्यालय, उत्कल विश्व विद्यालय और संबलपुर विश्व विद्यालय द्वारा किया जा रहा है।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 11:28 AM (IST)
भुवनेश्वर में आयोजित होगा मानव विज्ञान महासम्मेलन 2023
भुवनेश्वर में आयोजित होगा मानव विज्ञान महासम्मेलन 2023

भुवनेश्वर, जेएनएन। भारत में 45 साल बाद दूसरी बार मानव विज्ञान महासम्मेलन 2023 भुवनेश्वर में

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आयोजित होगा। हालांकि इसके आयोजन की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। इस संबंध में रविवार को कीट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कीटकीस के प्रतिष्ठाता डा. अच्यूत सामन्त ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का आयोजन सम्मिलित रूप से कीस विश्व विद्यालय, उत्कल विश्व विद्यालय और संबलपुर विश्व विद्यालय द्वारा किया जा रहा है।

सामन्त ने कहा कि यह कीस के साथ साथ न सिर्फ ओडिशा बल्कि भारत के लिए गौरव की बात है। सामन्त ने कहा कि आज ओडिशा तरक्की कर रहा है। यहां इस तरह के जितने भी कार्यक्रम आयोजित होंगे उससे पूरे राज्य को फायदा होगा। यह विश्व के सामने हमारी दक्षता को प्रदर्शित करने का यह सुनहरा मौका है। मानव विज्ञान महासम्मेलन- 2023 पहली बार ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित होगा। जिसमें 150 देश के लगभग 10 हजार मानव विज्ञान के जानकार हिस्सा लेंगे और अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगे। सामन्त के अनुसार इस सम्मेलन की मेजबानी को लेकर काफी प्रतिद्वंदिता थी। क्रोएशिया और भारत दोनों के बीच कांटे का मुकाबला था।

इसमें ब्राजील के सहयोग और पूरे विश्व के मानव विज्ञान प्रतिनिधियों के सहयोग से ओडिशा के कीस विश्वविद्यालय को चुना गया। इस अवसर पर उत्कल विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. सौमेंद्र मोहन पटनायक ने बताया कि उन्होंने ओडिशा की ओर विश्व मानव विज्ञान महासम्मेलन 1972 में हिस्सा लिया था। तभी हमारे मन में चाहत थी कि किसी प्रकार यह महासम्मेलन ओडिशा में हो। उन्होंने कीट-कीस के प्रतिष्ठाता डा. अच्यूत सामन्त को विशेष रूप से बधाई दी, जिन्होंने इस मानव विज्ञान के महाकुंभ के आयोजन की जिम्मेदारी स्वयं वहन करने  का निर्णय लिया। संबलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. दीपक बेहेरा ने कहा कि उनका विश्वविद्यालय बहुत ही छोटा है।

ऐसे में 10 से 15 हजार मानव विज्ञान के प्रतिनिधियों को ओडिशा में लाना और उनके लिए हर प्रकार की व्यवस्था हमारे लिए सम्भव नहीं थी। इसलिए हमने कीट कीस के प्रतिष्ठाता डा. अच्यूत सामन्त से विचार विमर्श किया और उनकी स्वीकृति के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जानकारी दी गई।


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