गर्मी की चपेट में ओडिशा 13 शहरों में पारा 40 पार
ओडिशा में 13 शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार रिकार्ड किया गया है तेज धूप के साथ चल रही गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को जीना दूभर कर दिया है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। प्रदेश भर में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है। उत्तर-दक्षिण व पूर्व-पश्चिम हर क्षेत्र में सूर्यदेव अंगारे बरसाने को आतुर हैं। 13 जून को भी स्थिति यथावत बनी रहेगी। मंगलवार को राज्य में 13 शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार रिकार्ड किया गया है। राज्य का सबसे अधिक गर्म शहर संबलपुर रहा जहां पर पारा 45 डिग्री रिकार्ड किया गया। हीराकुद, झारसुगुड़ा, सोनपुर शहर में पारा 44 डिग्री रिकार्ड किया गया है। टिटिलागड़ में पारा 43 डिग्री रहा तो वहीं तालचेर में 42.5 डिग्री।
बलांगीर, अनुगुल, सुंदरगढ़ में भी पारा 41 से 42 डिग्री के बीच रहा। राजधानी भुवनेश्वर, भवानीपाटना, मालकानगिरी, चांदबाली में भी पारा 40 से 41 डिग्री व कटक में लगभग 40 डिग्री पारा रिकार्ड किया गया। केन्दुझर में भी पार 39.2 के पार रहा। तेज धूप के साथ चल रही गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को जीना दूभर कर दिया है। खासकर राजधानी भुवनेश्वर में तूफान फणि के बाद पेड़ उखड़ गए हैं। ऐसे में सदैव हरी भरी रहने वाली राजधानी भुवनेश्वर में दोपहर के समय लोगों की मुसीबत और बढ़ गई है। राहगीर सड़कों के किनारे बचे एकाध पेड़ों के नीचे शरण तो ले रहे हैं, मगर वह पेड़ भी उन्हें छाया देने में असमर्थ हो गया है क्योंकि पेड़ की फणि तूफान की भेंट चढ़ गयी हैं।
उन्नीस जून से खुलेंगे विद्यालय, मरम्मत कार्य में जुटी सरकार
चक्रवात फणि के प्रभाव से राज्य में विद्यालयों की आधारभूमि भी विशेष रूप से प्रभावित हुई है। पुरी जिला में 123 विद्यालय पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य के छह हजार विद्यालय से अधिक विद्यालय टूट-फूट गए हैं। आगामी 19 जून से विद्यालय खुलने वाले हैं, ऐसे में इन विद्यालयों को युद्धकालीन स्तर पर सजाने एवं संवारने के लिए सरकार ने प्रभावित जिलों को निर्देश जारी किया है। विकास कमिश्नर असीत कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक यह जानकारी मिली है कि चक्रवात फणि से ज्यादा प्रभावित पुरी खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर एवं केंद्रापड़ा हैं, इन सभी जिले के जिलाधीशों को बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। इसके अलावे जो विद्यालय असुरक्षित अवस्ता में हैं, वहां के छात्र-छात्राओं को नजदीक के सुरक्षित विद्यालय में पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा जिन विद्यालयों की छत नहीं, वहां तत्काल अस्थाई व्यवस्था कर विद्यालय को चालू करने का निर्देश दिया गया है।
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