बारिश के बाद अब नदियों में उफान, हीराकुद से छोड़ा जाएगा पानी
हीराकुद जलभंडार से अभी तक बाढ़ का पानी नहीं छोड़ा गया है बावजूद इसके महानदी के जलस्तर में बढ़ोतरी चिंताजनक है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। बंगाल की खाड़ी बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते राज्य भर में हुई भीषण बारिश से लोग अभी संभल भी नहीं पाए हैं कि नदियों में बढ़ते जलस्तर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार बारिश से लोग पहले से ही परेशान थे बैतरणी, बंशधारा और महानदी समेत अन्य छोटी बड़ी नदियों में उफान आ जाने से निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। यह स्थिति तब है जबकि हीराकुद जलभंडार से अभी तक बाढ़ का पानी नहीं छोड़ा गया है बावजूद इसके महानदी के जलस्तर में बढ़ोतरी चिंताजनक है।
लोगों का मानना है कि हीराकुद जलभंडार से पानी छोड़े जाने के पहले अगर महानदी इस तरह उफना रही है।मंगलवार को पानी छोड़े जाने के बाद तो बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ऐसे में प्रशासन की ओर से तमाम ऐतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कटक, केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा के जिलाधीशों को सतर्क रहने के लिए सोमवार को मुख्य राहत आयुक्त की तरफ से सूचित कर दिया गया है। सभी विभाग को सतर्क रहने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है।
सूचना के मुताबिक महानदी के मुंडली में 8 लाख क्यूसिक पानी प्रवाहित हो रहा है। इससे महानदी डेल्टा इलाके में बाढ़ की स्थिति बन गई है यह सूचना महानदी निचले इलाके के मुख्य इंजीनियर पूर्ण चंद्र साहू ने दी है। वहीं कटक जिला के बड़ंबा की अधिष्ठात्री देवी मां भटारिका के मंदिर में बाढ़ का प्रवेश कर गया है।
इससे मां की प्रतिमा को स्थानान्तरित कर दिया गया है। बड़ंबा देवोत्तर विभाग की तरफ से सूचना दी गई है कि मां की पूजा पूरी तरह से रीति नीति के अनुसार की जा रही है। वहीं भद्रक जिला में वैतरणी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से जिला में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। खबर के मुताबिक आखुआपदर में बैतरणी नदी मे खतरे का निशान 17.83 मीटर है जबकि यहां पर पानी का बहाव 17.80 मीटर पर हो रहा है ऐसे में इलाके में बाढ़ को लेकर लोगों में भय का माहौल बन गया है।
तेजी से बढ़ रहा हीराकुद जलभंडार का पानी
दूसरी तरफ हीराकुद जलभंडार की सर्वोच्च जलधारण की क्षमता 630 फुट है जबकि सोमवार सुबह 9 बजे तक हीराकुद जलभंडार में जलस्तर 615 फुट तक पहुंच चुका था। खबर के मुताबिक जलभंडार में 2 लाख 5 हजार 352 क्यूसिक जल प्रवेश कर रहा है। इससे जलभंडार का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में 24 जुलाई मंगलवार को जल भंडार से इस साल का पहला बाढ़ का पानी छोड़ने की व्यवस्था की गई है।मंगलवार को पूर्वाह्नन 11 बजे विधिवत ढंग से पूजा अर्चना करने के बाद हीराकुद जलभंडार का फाटक खोले जाने की सूचना महानदी बेसिन के मुख्य इंजीनियर ज्योति रथ ने दी है। भारी बारिश के चलते चिपिलिमा पावरहाउस में पानी भर जाने से पावर चैनल में जल आर्पूित को बंद कर दिया गया है।