कीस विश्वविद्यालय का मना पहला स्थापना दिवस
क¨लगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस यूनिवर्सिटी (कीस विश्वविद्यालय) का पहला प्र
जासं, भुवनेश्वर : क¨लगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस यूनिवर्सिटी (कीस विश्वविद्यालय) का पहला प्रतिष्ठा दिवस उत्सव गुरुवार को कीस परिसर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजित उत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल प्रो गणेशी लाल ने कीस को इंडिया एवं भारत के बीच का फ्लाईओवर करार दिया। राज्यपाल ने कीस की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि कीस एक ऐसा अनुष्ठान है, जिसमें समाज के उपेक्षित वर्ग को अवसर दे रहा है। जो स्नेह से वंचित हैं कीस उन्हें स्नेह देता है। राज्यपाल ने कहा कि जो लोग असहाय हैं उनके पीछे कीस खड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल पहले भगवान की सत्ता (गाड पाíटकल) आविष्कार करने के लिए 10 हजार वैज्ञानिक धरती से 300 फिट नीचे 27 किमी. में फैले टनेल के बीच रहकर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च कर दिन रात अनुसंधान कर रहे थे, मगर उन्हें ईश्वर के बारे में कुछ भी पता नहीं चला। यदि सही मायने में वे गाड पाíटकल देखना चाहते हैं तो फिर उन्हें कीस आकर देखना चाहिए। कीस के प्रतिष्ठाता अच्युत सामन्त एवं उनकी टीम जो इस कार्य कर रहे हैं वह अवर्णनीय है। उसे शब्दों या भाषा में पिरोया नहीं जा सकता है। ईश्वर जो निर्देश देते हैं, वह अच्युत के जरिए कार्यकारी होता है। सभी के आत्मा में ईश्वर हैं। ऐसे में आत्मा से प्रेम करना कीस का परिचय है। गणेश चतुर्थी तिथि को राज्यपाल का जन्मदिन होने से एवं कीस विश्व विद्यालय का पहला स्थापना दिवस होने से राज्य प्रो. गणेशी लाल ने कीस के बच्चों को पीठा खाने के लिए एक लाख रुपया प्रदान किया। इस कार्यक्रम में श्री सामन्त ने स्वागत भाषण दिया जबकि कीट व कीस के अध्यक्ष सरस्वती बल एवं सचिव आरएन दास ने अपने अपने विचार रखे। कीस विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. हरेकृष्ण शतपथी ने कीस विश्व विद्यालय के विभिन्न कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जबकि जुलियस लाकरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।