कभी गुरू का स्थान नहीं ले सकता गूगल: उपराष्ट्रपति वैंकेया नाइडू
साई इण्टरनेशनल स्कूल के 10 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने लोगों को संबोधित किया।
भुवनेश्वर, जेएनएन। एक दिवसीय ओड़िशा दौरे पर आए उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने सोमवार को साई इण्टरनेशनल स्कूल के 10 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह में भाग लेते हुए राज्य के लोगों को उत्कल दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि स्कूल केवल पढ़ाई करने के लिए ही नहीं है बल्कि देश निर्माण में स्कूल की अहम भूमिका होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लम्बे समय तक देश में ब्रिटिश शासन होने से हमारे इतिहास का पाठ्यक्रम बदल गया है, हमारी सोच बदल गई है। हमारी संस्कृति एवं इतिहास को हमें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। मातृभाषा का हर समय महत्व होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि गूगल कभी भी गुरू का स्थान नहीं ले सकता है।
शेयर एण्ड केयर भारतीय संस्कृति है। उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरूआत ओड़िया भाषा से की। उन्होंने बच्चों से पांच बातों पर अमल करने का सुझाव देते हुए कहा कि सबसे पहले आप अपने घर में अपनी मातृभाषा में बात करें। मम्मी कहने के बदले मां कहें, माता-पिता की कभी भी उपेक्षा ना करें, कभी भी अपने देश या अपने राज्य को ना भूले। साई इण्टरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन डा. विजय कुमार साहू ने कहा कि समारोह में उपराष्ट्रपति श्री नायडू के आगमन से बच्चों में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के उद्बबोधन सुनने के साथ उनसे मिलकर बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि वायुसेना के विशेष विमान से भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, वित्तमंत्री शशि भूषण बेहेरा ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। वह पूर्व निर्धारित समय से 10 मिनट पहले ही भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे।