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पुरी में प्रस्तावित ओडिया विश्वविद्यालय का भविष्य अंधकार में, प्रोजेक्‍ट को लेकर बनी आशंका

अंधकार में है पुरी सत्यवादी बकुलवन में प्रस्तावित ओडिया विश्वविद्यालय का भविष्य शिलान्यास के दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक एक भी ईंट नहीं रखी गई है। इस प्रोजेक्‍ट को लेकर कोई भी विधि व्यवस्था नहीं बनी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:26 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:26 AM (IST)
पुरी में प्रस्तावित ओडिया विश्वविद्यालय का भविष्य अंधकार में, प्रोजेक्‍ट को लेकर बनी आशंका
पुरी के सत्यवादी वकुलवन में प्रस्तावित ओडिया विश्वविद्यालय का भविष्य अंधकार में

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के पुरी जिला अंतर्गत सत्यवादी वकुलवन में प्रस्तावित ओडिया विश्वविद्यालय का भविष्य अभी अंधकार में ही है। यह प्रोजेक्ट कब वास्तविक रूप में तैयार होगा उसको लेकर अभी भी लोगों के मन में आशंका बनी हुई है। शिलान्यास के दो साल बाद भी एक भी ईंट अभी तक प्रोजेक्ट के लिए नहीं रखी गई है। पहले चक्रवात फनी एवं अब कोरोनावायरस को लेकर ओडिया  विश्वविद्यालय का भविष्य अंधकार में चले जाने की बात कही जा रही है। 

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 सरकार ने बजट में 15 करोड़ रूपया मंजूर किया है मगर विश्वविद्यालय प्रतिष्ठा को लेकर कोई भी प्रक्रिया अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए कोई भी विधि व्यवस्था अभी तक नहीं बनाई गई है। 

 जानकारी के मुताबिक 9 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सत्यवादी के वकुलवन में ओडिया विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। शिलान्यास उत्सव बड़े ही उल्लास के साथ किया गया था। सत्यवादी गोपीनाथ देव की जमीन में यह विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बनी थी। 

 सत्यवादी तहसील अंतर्गत फुलअलसा मौजा में 29 एकड़ जमीन में इस विश्वविद्यालय को बनाने के लिए जमीन की पहचान की गई। इस जमीन का मालिक सत्यवादी गोपीनाथ देव होने से राज्य सरकार ने इस जगह को खरीदने के लिए देवोत्तर आयोग के पास आवेदन किया था। देवोत्तर आयोग ने भी इस पर विचार कर बाजार की दर में जमीन की कीमत 35 करोड़ रुपया निर्धारित किया। जमीन की कीमत निर्धारित होने के बाद देवोत्तर आयोग ने जमीन बेचने के लिए गोपीनाथ देव ट्रस्ट बोर्ड को अनुमति दी। हालांकि इसके बाद प्रस्तावित 29 एकड़ जमीन में से वकुल वन रहने वाले 19 एकड़ 14 डिसमिल जमीन को छोड़कर बाकी जमीन खरीद ली गई। 

 राज्य सरकार ने पिछले साल श्रीजगन्नाथ देव ट्रस्ट बोर्ड से 9 एकड़ 7 डिसमिल जमीन खरीदी थी। इसके लिए सत्यवादी उप निबंधक कार्यालय में एक करारनामा भी  हुआ है। सरकार ने जमीन की कीमत के बाबत 11 करोड़ 33 लाख 58 हजार रूपए गोपीनाथ देव ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा कर दिया है। इस संबंध में सत्यवादी विधायक उमाकांत सामंतराय ने कहा है कि प्रोजेक्ट कार्य आगे बढ़ रहा है। जमीन की नापी हो गई है। हालांकि उन्होंने भी स्वीकार किया कि इसमें अभी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है, सरकार कदम उठा रही है।


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