ओडिशा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शरत कुमार कर का निधन
ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञ साहित्यकार स्तंभकार शरत कुमार कर का 81 साल की उम्र में निधन हो गया।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञ, साहित्यकार, स्तंभकार शरत कुमार कर का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से उम्र जनित बीमारियों से पीड़ित थे। भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहां सोमवार को अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। कर के निधन पर राजनीतिक दल के नेताओं ने शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धमर्ेंद्र प्रधान, कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक के साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शरत कुमार के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
पांच सितंबर 1939 को कटक जिले के चाइंपाल के अडम महेशपुर गांव में जन्मे शरत कुमार कर ने 1964 में इलाहाबाद विश्व विद्यालय से शिक्षा समाप्त कर राजनीति में कदम रखा। बीजू पटनायक के सहयोगी के तौर पर वह सदैव कार्य करते रहे। वह ओडिशा विधानसभा के लिए तीन बार चुने गए थे। सन1971 में विश्वनाथ दास के मंत्रिमंडल में वह शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री बने। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर वह कटक लोकसभा सीट से जानकी बल्लभ पटनायक को पराजित कर वह सांसद बने। सन 2000 से 2004 तक वह ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई पुस्तकें लिखीं, इनमें मंथन, रोमांथन, अनन्य आदि काफी चर्चित पुस्तक रही हैं।