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आदिवासियों के बड़े नेताओं में गिनी जाते थे पूर्व मंत्री विजयरंजन सिंह बरिहा, 1990 में राजनीति में रखा कदम

पद्मपुर के विधायक विजयरंजन सिंह बरिहा की गिनती आदिवासियों के बड़े नेताओं में होती थी। वह अपने छात्र जीवन से एक बहादुर कार्यकर्ता थे। वह पद्मपुर कॉलेज के छात्र संसद के अध्यक्ष रहने के दौरान ही छात्र-छात्राओं से लेकर अध्यापकों के भी पसंदीदा बन थे।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Mon, 03 Oct 2022 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 10:54 PM (IST)
आदिवासियों के बड़े नेताओं में गिनी जाते थे पूर्व मंत्री विजयरंजन सिंह बरिहा, 1990 में राजनीति में रखा कदम
आदिवासियों के बड़े नेताओं में होती थी विजयरंजन सिंह बरिहा की गिनती।

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। बीजू जनता दल के विधायक विजय रंजन सिंह बरिहा का निधन हो गया है। उन्होंने बीती रात भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय उनकी आयु 65 वर्ष थी। पद्मपुर के विधायक तथा पूर्व आदिवासी हरिजन विकास मंत्री विजयरंजन सिंह बरिहा की गिनती आदिवासियों के बड़े नेताओं में होती थी। वह अपने छात्र जीवन से एक बहादुर कार्यकर्ता थे। वह पद्मपुर कॉलेज के छात्र संसद के अध्यक्ष रहने के दौरान ही छात्र-छात्राओं से लेकर अध्यापकों तक सभी के पसंदीदा बन थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय अध्ययन कर अपने इलाके के युवाओं के लिए एक आदर्श स्थापित कर दिया।

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गरीब और शोषितों के लिए उठाते थे आवाज

पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने गरीब, दलित एवं आर्थिक रूप से शोषित लोगों की आवाज उठाते हुए केन्दुपत्र तोड़ने वाले तथा मजदूरों के सामूहिक हित के लिए दिन-रात एक कर दिया था। यदि केन्दु पत्र तोड़ने वाले किसी भी मजदूर का कोई कर्मचारी पैसा हड़प लेता था या देने में आनाकानी करता था तो वह उसके खिलाफ आवाज उठाते हुए ग्रामसभा कर मजदूरों की समस्या को वहीं समाधान करवा देते थे। नतीजतन, कर्मचारियों में बेईमानी करने की हिम्मत नहीं होती थी।

अन्याय के खिलाफ लड़ी लड़ाई

बिंझाल जाति के संगठन एवं एकता पर बल देते हुए नृसिंहनाथ में बिंद्यावासिनी देवी के मंदिर के निर्माण में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने बिंझाल एवं आदिवासी संगठन के साथ केन्दुपत्र, अनेक श्रमिक संगठन को सामाजिक कार्यों में आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर अपनी खुद की एक अलग पहचान बना ली। विजयरंजन सिंह बरिहा एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने लोगों के बीच रहकर एवं लोगों को साथ लेकर अन्याय, उत्पीड़न, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इससे लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गए और इसी के चलते जनता दल के नेता बीजू पटनायक की नजर में आए और फिर वह 1990 में राजनीति में आए और विधायक बन गए।

पांच बार बने मंत्री

विजयरंजन सिंह बरिहा एक ऐसे नेता थे जिन्होंने ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत जनसेवा के साथ की थी। उन्होंने 1990, 1995, 2000, 2009 और 2019 में विधायक के रूप में अपनी योग्यता साबित की। वह मंत्री भी बने।

निधन पर पसरा मातम

मंत्री रहते हुए भी उनकी सहानुभूति अपने विधानसभा क्षेत्र पद्मपुर के प्रति सदैव बनी रही थी। उन्होंने भाषण में ज्यादा समय बर्बाद करने के बदले काम पर ध्यान केंद्रित किया। सरकारी अधिकारियों के किसी भी भ्रष्टाचार की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए उन्हें जाना जाता था। इससे भ्रष्ट अधिकारियों में एक डर का माहौल रहता था। एक विधायक चाहे तो अपने क्षेत्र में क्या कर सकता है, यह उनके क्षेत्र का दौरा करने से पता चलता है। शिक्षण संस्थानों एवं छात्र कैसे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें इसके लिए वह निरंतर प्रयास करते रहते थे। इसके अलावा वह पद्मपुर दुर्गा पूजा, आरबी हाई स्कूल की प्लेटिनम जुबली और अन्य कार्यक्रमों में बिना पार्टी को भूलकर भाग लेते थे। यही कारण है आज उनके निधन से पूरे पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र में मानो मातम सा फैल गया है।

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