Olive ridley turtles : अलिव रिडले कछुओं ने किया इतना अधिक अंडदान, समुद्र में गए दो करोड़ से अधिक नन्हें कछुए
Olive ridley turtles ओडिशा के गहिरमथा में अलिव रिडले कछुओं के अंडादान की प्रक्रिया अभी भी जारी है पिछले 10 साल में पहली बार इतनी अधिक संख्या में कछुओं ने अंडदान किया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के केन्द्रापड़ा जिले के गहिरमथा में अलिव रिडले कछुओं के अंडादान की प्रक्रिया शुरु हुई है। पिछले 5 दिन में लगभग 2 करोड़ 5 लाख 10 हजार शावक समुद्र में जाने की जानकारी वन विभाग सूत्र से मिली है। अण्डों से इतनी संख्या में नन्हें कछुओं के जन्म लेने की घटना पिछले 10 साल में पहली बार हुई है। यह प्रक्रिया अभी एक या दो दिन और चलेगी।
गहिरमथा, बाबुबाली द्वीप अगरनासी द्वीप, पेंठ, सातभाया बेलाभूमि (समुद्र किनारा) एवं वरुणेई के किनारे संलग्न बालू की रेत में पिछले साल 14 से 21 मार्च 8 दिन तक 4 लाख 7 हजार कछुओं ने समुद्र किनारे अंडादान किया था। 40 से 45 दिन के अन्दर इन अण्डों से अब बच्चे निकल रहे हैं। सूर्य के ढलते ही लालिमा के जाने के बीच यह प्रक्रिया चलती है।
वन विभाग की सूचना के मुताबिक पिछली 2 मई को 68 लाख 60 हजार, 3 मई को 84 लाख, 4 मई को 43 लाख 40 हजार, 5 मई को 7 लाख एवं 6 मई को 2 लाख 10 कुल मिलाकर 2 करोड़ 5 लाख 10 हजार कछुए के शावक समुद्र में चले गए हैं। गहिरमथा के वन अधिकारी देवाशीष भोई के तत्वावधान में वनपाल, वनरक्षी के साथ 15 वन कर्मचारी एवं भद्रक डिवीजन के वनकर्मचारी शावकों की सुरक्षा के दायित्व में हैं। अंडे से बच्चे के बाहर निकलने का पर्व शुरु होने के बाद स्थानीय डा. अब्दुल कलाम द्वीप में उज्ज्वल आलोक की व्यवस्था को बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गहिरमथा में 1996-97, 1997-98, 2001-02, 2007-08 व 2013-14 में समूह अंडादान प्रक्रिया नहीं हुई थी। विरल प्रजाति के कछुए इन सालों में समुद्र के किनारे आने के बावजूद अंडादान प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए थे। हजारों संख्या में कछुओं की मृत्यु के बाद इस साल भी कछुओं के अंडादान प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर संदेह किया जा रहा था। हालांकि काफी देरी से अर्थात 14 मार्च से अलिव रिडले कछुए अंडादान प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।