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तटीय इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने कसी कमर

3 लाख 45 हजार 649 मछुआरों को बायोमैट्रिक कार्ड दे दिया गया है, जो इन्हें अपने साथ में रखना होगा।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 13 Oct 2017 11:34 AM (IST)Updated: Fri, 13 Oct 2017 11:34 AM (IST)
तटीय इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने कसी कमर
तटीय इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने कसी कमर

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के मुख्यसचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने कहा कि राज्य के तटीय ग्रामीण इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए ओडिशा सरकार ने कमर कस लिया है। समुद्र में मछली पकडऩे जाने वाले सभी मछुआरों को वाटरप्रूफ बायोमैट्रिक परिचय पत्र दिया जाएगा। राज्य 487 किमी लंबी समुद्री सीमा को सुरक्षित रखने के लिए समुद्री थानों को अधिक सक्रिय किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध तरीके से आए बांग्लादेशी घुसपैठ हो या कोई उन्हें राज्य छोडऩा होगा। उन्हें तटीय गांव या राज्य के किसी भी हिस्से में बसने नहीं दिया जाएगा।

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मुख्य सचिव ने बुधवार को समुद्र तटीय इलाकों की सुरक्षा समीक्षा बैठक में घुसपैठ को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत की और कहा कि ओडिशा में विदेशी नागरिक अवैध रूप से घुसपैठ न करने पाएं। ऐसे लोगों को तटीय गांव या राज्य के किसी भी हिस्से में बसने नहीं दिया जाए। समुद्री रास्ते से घुसपैठ पर सही फीडबैक मछुआरों से मिल रही है। ऐसे में सरकार ने बहुउद्देश्यीय बायोमैट्रिक कार्ड तटीय इलाकों में रहने वालों के लिए अनिवार्य कर दिया है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जा रहा है। तटीय इलाकों में 3 लाख 46 हजार 948 मछुआरों को चिह्नित किया गया है जो समुद्र में मछली का शिकार करने जाते हैं। 3 लाख 45 हजार 649 मछुआरों को बायोमैट्रिक कार्ड दे दिया गया है, जो इन्हें अपने साथ में रखना होगा। बचे हुए मछुआरों को इसी महीने

के अंत तक यह कार्ड मुहैया करा दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 22,299 बोट पंजीकृत हैं। इनमें से 93 फीसद नावें कलर कोड करा दी गयी हैं। 

पाढ़ी ने बताया कि बाकी नावों में कलर कोड 15 नवंबर तक हो जाएगा। इस आशय के निर्देश दिए जा चुके हैं। समुद्र में जाने वाली बोटों पर डीएटी (डिस्ट्रेस आल्टर ट्रांसमीटर्स) लगाए जाएंगे। इससे मछुआरों को किसी भी तरह का सिगनल भेजने में आसानी होगी। ऐसी आठ हजार मशीनों की जरूरत है पर दो हजार सप्लाई की जा चुकी हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि ओडिशा के तटीय इलाकों में 18 पुलिस थाने हैं। इनमें से पांच बलरामगढ़ी (बालासोर), धामरा (भद्रक), जम्बू (केंद्रपाड़ा), पारादीप (जगतसिंहपुर), आर्यपाली (गंजाम) में काम कर रहे हैं। दूसरे चरण में तालचुआ और कंसफाला (बालासोर), चुढामड़ी व कशिया (भद्रक), तालचुआ (केंद्रपाड़ा), जटाधरमुहाना (जगतसिंहपुर), आष्टारंगा चंद्रभागा व पंथकाटा (पुरी) तथा ब्रह्मपुर सोनपुर जिले में थाने काम कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने माना कि इंफ्रास्ट्रक्चर  के अभाव में थानों का कुशल संचालन मुश्किल में है। उनका कहना है कि सुचार रूप से संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीत कुमार त्रिपाठी, पुलिस महानिदेशक आरपी शर्मा के साथ नौसेना एवं संपृक्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

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