संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। क्योंझर जिले के चंपुआ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत बसंतपुर जादीपदासाही में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि काफी कम ऊंचाई पर लटक रहे हाईटेंशन तार में हाथी का पैर फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

हाथी 11केवी बिजली के तार के संपर्क में आ गया। सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में हाथी की हलचल देखी जा रही थी। बताया जा रहा है कि वन विभाग ने मामले की जानकारी बिजली विभाग को दी थी, लेकिन इस संबंध में बिजली विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।

इससे पहले, अगस्त 2022 में क्योंझर में सदर रेंज के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में एक लाइव बिजली लाइन के संपर्क में आने से दो मादा हाथियों की मौत हो गई थी।

स्थानीय लोगों ने इसके लिए वन और बिजली विभाग के अधिकारियों के ढीले रवैये को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि लापरवाही के कारण दो हाथियों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को फार्महाउस पर बिजली के निचले तार के बारे में सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दस साल में 784 हाथियों की मौत

ओडिशा में हाथी-मानव लड़ाई में भी हाथियों की जान जा रही है। कभी हाथियों के हमले में मानव की जान जाती है तो कभी लोगों या विभिन्न मानवीय कारणों से हाथियों की जान जा रही है। यह सिलसिला लगातार जारी है।

पिछले 10 साल में प्रदेश विभिन्न कारणों से 784 हाथियों की मौत हुई है। वहीं, हाथियों के हमले में 925 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रदीप अमात ने बताया कि 2012-13 में जहां 82 हाथियों की मौत हुई थी, वहीं 2015-16 में यह आंकड़ा 86 तक पहुंच गया। जबकि 2018-19 में 93 और 2021-22 में 86 था।

मंत्री ने कहा कि इस अवधि के दौरान, ओडिशा सरकार ने 39 हाथियों की मौत की घटनाओं की जांच की है और 50 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए हैं। हालांकि, इन मामलों में अब तक एक भी आरोपी को दोषी नहीं ठहराया गया है।

Edited By: Roma Ragini